iGrain India - धनिया की कीमतों में अब मंदे की संभावना नहीं
नई दिल्ली। चालू सप्ताह के दौरान धनिया की कीमतों में गिरावट रही लेकिन भाव काफी घट जाने के कारण अब और मंदे की संभावना नहीं है। उल्लेखनीय है कि देश में रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद आयातकों ने रूस से धनिया का आयात किया है।
जिस कारण से धनिया की कीमते नहीं बढ़ पा रही है। उल्लेखनीय है कि नई फसल की आवक के समय प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में बारिश होने के कारण धनिया की क्वालिटी खराब हो गई थी जिस कारण अच्छी क्वालिटी के मालों की बाजार में कमी बनी हुई है।
मगर भाव न्यूनतम स्तर पर आ जाने के कारण अब धनिया में ओर मंदा संभव नहीं है। हलांकि हाल-फिलहाल अधिक तेजी के आसार भी नहीं है। अभी बाजार सीमित दायरे में ही बने रहेंगे। मगर कमजोर बिजाई की रिपोर्ट आने के पश्चात कीमतों में तेजी संभव है जोकि दिसम्बर-जनवरी माह में बन सकती है।
जानकारों का मानना है कि अन्य मसालों (जीरा, ईसबगोल, सौंफ) की तुलना में धनिया की कीमतें निची रहने के कारण इस वर्ष धनिया की बिजाई अवश्य ही प्रभावित होगी। जिसका असर आगामी दिनों में तेजी का रहेगा।
कीमतों में गिरावट
चालू सपताह के दौरान धनिया की कीमतों में 20/30 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई है। क्योंकि एक ओर जहां प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश की मंडियों में किसानों द्वारा स्टॉक निकाले जाने के कारण मंडियों में धनिया की आवक बढ़ गई है वहीँ दूसरी तरफ अधिकांश खपत केन्द्रों पर आयातित धनिया की बिकवाली 6000/6200 रुपए पर की जा रही है।
सूत्रों का मानना है कि किसान सोयाबीन का स्टॉक करने के लिए धनिया की लिवाली कर रहे हैं। बाजार सूत्रों का कहना है कि ईगल क्वालिटी मालों की बाजार में कमी बनी हुई है। वर्तमान में मंडियों में जो आवक हो रही है उसमें बादामी क्वालिटी एवं रेन टच मालों की आवक हो रही है। जिस कारण से ईगल क्वालिटी एवं ग्रीन मालों के भाव अपने पूर्व स्तर पर बोले जा रहे हैं।
सुधर सकते हैं भाव
व्यपारिक अनुमान लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही धनिया की कीमतों में 300/500 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी बन सकती है लेकिन इससे अधिक तेजी की संभावना हाल-फिलहाल नहीं है। सूत्रों का कहना है कि अधिकांशत: रेन टच मालों की आवक बाजार में हो चुकी है अब जो भी माल आएगा वह अच्छी क्वालिटी का होगा। जिस कारण से कीमतें बढ़ने की संभावना है इसके सप्ताह के अंत में वायदा में भी भाव मजबूती के साथ बोले गए हैं।
बिजाई
अक्टूबर-नवम्बर माह में उत्पादक केन्द्रों पर धनिया की बिजाई शुरू हो जाएगी। लेकिन इस वर्ष बिजाई अवश्य ही प्रभावित होगी। सूत्रों का कहना है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए गुजरात में धनिया की बिजाई 50 प्रतिशत होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। जबकि मध्य प्रदेश में बिजाई 60/70 प्रतिशत एवं राजस्थान में 70/75 प्रतिशत होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि चालू सीजन के दौरान देश में धनिया का रिकॉर्ड उत्पादन पौने दो करोड़ बोरी का रहा है। सूत्रों का कहना है कि अगर धनिया का निर्यात नहीं बढ़ता तो धनिया की कीमते ओर भी नीचे जा सकती थी। लेकिन भाव नीचे होने के कारण चालू सीजन के दौरान धनिया के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
रिकॉर्ड निर्यात
रिकॉर्ड उत्पादन के कारण धनिया की कीमतें न्यूनतम स्तर पर चल रही हैं। जिस कारण से निर्यात में भी रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान धनिया का निर्यात 15019.87 टन का हुआ था जोकि अप्रैल-जुलाई -2023 में बढ़कर 59647.21 टन का हो गया है।
जोकि अब तक का रिकॉर्ड निर्यात हुआ है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-21 के दौरान धनिया का रिकॉर्ड निर्यात 57359 टन का हुआ था। चालू सीजन 2023-24 के शुरूआती 4 माह के दौरान ही धनिया ने सभी निर्यात आंकड़ें तोड़ दिए हैं।