iGrain India - जकार्ता । इंडोनेशिया की सार्वजनिक कम्पनी को सरकार ने खाद्य उत्पादों का आरक्षित भंडार बढ़ाने हेतु 1.50 ट्रिलियन रुपियाह (इंडोनेशियाई मुद्रा) का लोन स्वीकृत किया है जिसका उपयोग विदेशों से चीनी सहित अन्य खाद्य उत्पादों के आयात में किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जब भारत से चीनी का निर्यात जारी था तब इंडोनेशिया इसका नियमित खरीदार बना हुआ था लेकिन भारत से जून 2023 से चीनी का निर्यात बंद हो गया।
उधर थाइलैंड में भी चीनी का निर्यात योग्य स्टॉक काफी कम रह गया है इसलिए इंडोनेशिया को अब ब्राजील से इसका आयात करना पड़ रहा है।
कम्पनी का कहना है कि ब्राजील से चीनी का आयात करना आवश्यक हो गया है क्योंकि इंडोनेशिया में प्रति वर्ष लगभग 8 लाख टन चीनी की कमी पड़ जाती है।
इंडोनेशिया आमतौर पर थाईलैंड, भारत और ब्राजील से चीनी मंगाता है। भारत से अब निर्यात नहीं हो रहा है। कम्पनी के अनुसार ब्राजील से 1.25 लाख टन के आयात के साथ-साथ घरेलू प्रभाग में उत्पादित 50 हजार टन चीनी की खरीद भी की जाएगी।
सरकारी मिलें जिस चीनी का निर्माण करती हैं उसे मुख्य रूप से इसी कम्पनी के पास लगभग 50 हजार टन चीनी का आरक्षित भंडार मौजूद है लेकिन यह घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
यह कम्पनी सरकार के साथ सम्पर्क करके और खासकर नेशनल फूड एजेंसी के सहयोग से चीनी का कारोबार आगे बढ़ाएगी। इसे कुल मिलाकर 2.50 लाख टन चीनी की खरीद करने का दायित्व सौंपा गया है।
सरकरी स्तर पर चीनी के कुल आरक्षित आवश्यक भंडार का करीब 50 प्रतिशत भाग इस कम्पनी द्वारा संचालित किया जाता है। इस आरक्षित स्टॉक का उपयोग घरेलू बाजार में चीनी की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने में किया जाता है।
आमतौर पर इंडोनेशिया में वर्ष के अंत एवं अगले साल के आरंभ में चीनी का भाव काफी ऊंचा और तेज हो जाता है।