iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2022-23 के सम्पूर्ण सीजन के लिए विभिन्न फसलों के उत्पादन का चौथा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है जो शायद अंतिम है।
इसके तहत गेहूं का उत्पादन अनुमान 1105.50 लाख टन लगाया गया है जो तीसरे अनुमान 1127.40 लाख टन से करीब 22 लाख टन कम मगर 2021-22 सीजन के अनुमानित उत्पादन 1077.40 लाख टन से 2.6 प्रतिशत अधिक है। गेहूं के बाजार भाव में तेजी-मजबूती को देखते हुए कृषि मंत्रालय के पुराने उत्पादन अनुमान पर संदेह व्यक्त किया जा रहा था।
सरकार ने खाद्यान्न का कुल उत्पादन 2021-22 सीजन के 3156.20 लाख टन से 4.5 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 के सीजन में 3296.90 लाख टन पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की है।
इसके तहत चावल का उत्पादन 1294.70 लाख टन से 4.9 प्रतिशत बढ़कर 1357.60 लाख टन तथा मोटे / पोषक अनाजों का उत्पादन 511 लाख टन से 12.2 प्रतिशत उछलकर 573.20 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।
दूसरी ओर दलहनों का सकल उत्पादन 2021-22 सीजन के 273 लाख टन से 4.30 प्रतिशत घटकर 2022-23 में 260.60 लाख टन पर सिमटने का अनुमान लगाया गया है। लेकिन तिलहन फसलों की कुल पैदावार 379.60 लाख टन से 9 प्रतिशत बढ़कर 413.60 लाख टन पर पहुंचने की उम्मीद व्यक्त की गई है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि चीनी का उत्पादन घटने के बावजूद सरकार ने 2022-23 के सीजन में गन्ना का कुल उत्पादन 4905.30 लाख टन आंका है जो 2021-22 सीजन के अनुमानित उत्पादन 4394.30 लाख टन से 11.6 प्रतिशत ज्यादा है।
इसी तरह कपास का उत्पादन भी 2021-22 सीजन के 311.20 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) से 8.2 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 के सीजन में 336.60 लाख गांठ पर पहुंचने की उम्मीद व्यक्त की गई है।
इस तरह देखा जाए तो कृषि मंत्रालय ने 2022-23 सीजन के लिए गेहूं, चावल, मोटे अनाज एवं गन्ना के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान लगाया है लेकिन वास्तविक धरातल पर ऐसा देखा नहीं जा रहा है।
गेहूं और चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की विवशता पैदा हुई और चीनी का उत्पादन भी 30-32 लाख टन घट गया। लेकिन सरकार का यह अंतिम उत्पादन अनुमान है इसलिए इसको ही आधिकारिक आंकड़ा माना जाएगा।