iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने आगामी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में अच्छी बढ़ोत्तरी कर दी है जिससे इसकी खेती के प्रति किसानों का उत्साह एवं आकर्षण बढ़ने की उम्मीद है। गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल से करीब 7 प्रतिशत बढ़ाकर 2275 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया। वर्ष 2010-15 के बाद गेहूं के समर्थन मूल्य में यह सबसे बड़ी वृद्धि है।
हालांकि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2022-23 के रबी सीजन में गेहूं का उत्पादन 1105.50 लाख टन आंका है जो पिछले अनुमान 1127.40 लाख टन से कम मगर 2021-22 सीजन के अनुमानित उत्पादन से 1077.40 लाख टन से ज्यादा होने के साथ साथ नया रिकॉर्ड स्तर भी है। इस बार गेहूं का समर्थन मूल्य 150 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है जिससे किसानों को राहत मिलेगी।
मालूम हो कि सरकार इसी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से विशाल मात्रा में गेहूं की खरीद करती है। वैसे मौसम एवं वर्षा की हालत फिलहाल अनिश्चित बनी हुई है।
सरकार ने 2023-24 के रबी सीजन हेतु जून के साथ-साथ जौ, चना, मसूर, सरसों तथा कुसुम (सैफ्लावर) के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भी अच्छा इजाफा किया है ताकि किसानों को इन फसलों की अधिक से अधिक उत्पादन करने का प्रोत्साहन मिल सके।
देश में दलहन-तिलहन का अभाव रहता है इसलिए विदेशों से दलहनों एवं खाद्य तेलों की विशाल मात्रा का आयात करने की आवश्यकता पड़ती है। इस वर्ष खरीफ सीजन में दलहनों का क्षेत्रफल 5.40 लाख हेक्टेयर घट गया है और मौसम तथा मानसून भी पूरी तरह इसकी फसल के लिए अनुकूल नहीं रहा इसलिए उत्पादन में गिरावट आने की संभावना है।
जहां तक तिलहनों की बात है तो खरीफ सीजन में मूंगफली का रकबा घट गया जबकि सोयाबीन के क्षेत्रफल में कुछ सुधार आ गया। लेकिन शुष्क एवं गर्म मौसम से इसकी फसल को भी नुकसान हुआ है। जौ का उत्पादन पिछले रबी सीजन में लगभग सामान्य रहा था।
2022-23 सीजन के मुकाबले 2023-24 के रबी सीजन हेतु जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1735 रुपए से बढ़कर 1850 रुपए प्रति क्विंटल, चना का 5335 रुपए से बढ़ाकर 5440 रुपए प्रति क्विंटल,
मसूर का 6000 रुपए से बढ़ाकर 6425 रुपए प्रति क्विंटल, सरसों का 5450 रुपए से बढ़ाकर 5650 रुपए प्रति क्विंटल तथा कुसुम का समर्थन मूल्य 5650 रुपए से बढ़ाकर 5800 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। मसूर के समर्थन मूल्य से सर्वाधिक 425 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।