iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2022-23 सीजन के 2125 रुपए प्रति क्विंटल से 7.06 प्रतिशत या 150 रुपए बढ़ाकर 2023-24 के लिए 2275 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया है जिससे किसानों को अच्छी राहत मिलने की उम्मीद है। नया समर्थन मूल्य अप्रैल 2024 से प्रभावी होगा। वर्ष 2014 के बाद गेहूं के समर्थन मूल्य से इस बार सर्वाधिक बढ़ोत्तरी हुई है।
पांच राज्यों में अगले महीने विधानसभा का चुनाव होना है जिसमें मध्य प्रदेश एवं राजस्थान जैसे महत्वपूर्ण गेहूं उत्पादक प्रान्त भी शामिल है। केन्द्रीय पूल में ये दोनों राज्य गेहूं का अच्छा योगदान देते हैं।
मध्य प्रदेश में 17 नवम्बर तथा राजस्थान में 23 नवम्बर को मतदान होगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य में 150 रुपए की बढ़ोत्तरी होना इस बात का भी संकेत है कि केन्द्र सरकार गेहूं की पैदावार बढ़ाने की इच्छुक है ताकि बफर स्टॉक के लिए अच्छी मात्रा में इसकी खरीद करने में सहायता मिल सके।
ध्यान देने वाली बात है कि अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा का चुनाव होने वाला है और सरकार नहीं चाहेगी कि उस समय गेहूं की कीमतों में तेजी का माहौल रहे। पिछले दो सीजन के दौरान सरकार को अपेक्षित मात्रा में किसानों से गेहूं खरीदने में सफलता नहीं मिल सकी।
2021-22 में 188 लाख टन एवं 2022-23 में 262 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई जो नियत लक्ष्य से काफी पीछे रही। दिलचस्प तथ्य यह है कि सरकार ने गेहूं का उत्पादन इन दो सीजन में क्रमश: 1077.40 लाख टन एवं 1105.50 लाख टन आंका है। इतने विशाल उत्पादन के बावजूद गेहूं की खरीद कम होना बाजार को ऊपर उठाने में सहायक साबित हुआ।
गेहूं की बिजाई जल्दी ही जोर पकड़ने वाली है। सरकार को उम्मीद है कि इस बार रबी सीजन में इसके बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होगी और अच्छी क्वालिटी के बीच की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ने से इसका उत्पादन भी बेहतर होगा। लेकिन मौसम का अनुकूल होना आवश्यक है क्योंकि अक्सर इसके प्रतिकूल होने से उत्पादन प्रभावित होता है। सरकार के पास अभी गेहूं का समुचित स्टॉक मौजूद है और खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत इसकी बिक्री भी की जा रही है।