लंदन - बैंक ऑफ इंग्लैंड (BoE) ने हाल ही में अपने सिस्टमिक वाइड एक्सरसाइज स्ट्रेस (SWES) परीक्षण के दूसरे चरण को शुरू करने की अपनी योजना का अनावरण किया है, जिसमें बैंकों और बीमाकर्ताओं सहित 50 से अधिक वित्तीय संस्थाएं शामिल होंगी। इस कदम का उद्देश्य मार्च 2020 के लिक्विडिटी संकट और पिछले शरद ऋतु के लायबिलिटी ड्रिवेन इन्वेस्टमेंट (LDI) संकट के दौरान अनुभव की गई संभावित वित्तीय प्रतिकूलताओं के खिलाफ इन संस्थानों के लचीलेपन का आकलन करना है।
BoE ने संकेत दिया है कि आगामी तनाव परीक्षण पिछले सिमुलेशन की तुलना में अधिक गंभीर होगा, जो एक मजबूत वित्तीय प्रणाली को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह सक्रिय दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय बैंक के समर्पण को दर्शाता है कि वित्तीय संस्थाएं बाजार की चरम स्थितियों का सामना कर सकें और अर्थव्यवस्था का समर्थन करना जारी रख सकें।
इस आगामी तनाव परीक्षण के अलावा, बैंक ऑफ़ इंग्लैंड ने पहले ही 2024 में एक और राउंड आयोजित करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर लिया है। इन कठोर आकलनों के परिणामों को अगले साल के अंत तक एक व्यापक रिपोर्ट में संकलित किए जाने की उम्मीद है, जो यूके के वित्तीय क्षेत्र के स्वास्थ्य और स्थिरता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।
वित्तीय संस्थान अब इस कठोर परीक्षण प्रक्रिया से गुजरने की तैयारी कर रहे हैं, जो उनके परिचालन लचीलेपन के लिए एक महत्वपूर्ण बैरोमीटर के रूप में कार्य करता है। इन परीक्षणों के परिणाम विनियामक रणनीतियों और आकस्मिक योजना को सूचित करने में मदद करेंगे, जो संभावित भविष्य के संकटों से बचाव करते हैं जो वित्तीय परिदृश्य को बाधित कर सकते हैं।
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