💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

कलकत्ता कोर्ट के फैसले ने तुष्‍टीकरण की राजनीति पर लगाया ताला : केशव मौर्य

प्रकाशित 24/05/2024, 01:43 am
© Reuters.  कलकत्ता कोर्ट के फैसले ने तुष्‍टीकरण की राजनीति पर लगाया ताला : केशव मौर्य

लखनऊ, 23 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आरक्षण मुद्दे को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की तुष्‍टीकरण की राजनीति पर कोर्ट ने एक बहुत बड़ा ताला लगा दिया है।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने अपने एक बयान में कहा कि बंगाल सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर तमाम मुसलमान जातियों को ओबीसी बना दिया और ओबीसी आरक्षण का गलत तरीके से लाभ देकर संविधान की मूल भावना से खिलवाड़ करने का काम किया। इस संबंध में कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2010 के बाद से पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाणपत्रों को खारिज करते हुए ममता बनर्जी की तुष्‍टीकरण की राजनीति पर एक बहुत बड़ा ताला लगा दिया है।

उन्होंने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला स्वागत योग्य कदम है। यह निर्णय इस बात का प्रमाण है कि इंडी सरकारें संविधान को नहीं मानतीं और आरक्षण की लूट से उसका फायदा तुष्‍टीकरण अभियान के तहत मुसलमानों को देना चाहती हैं। अदालत का यह निर्णय इंडी गठबंधन की तुष्‍टीकरण की नीतियों पर करारा तमाचा है। इस निर्णय के बाद अब देशभर में इस विषय पर बहस होनी चाहिए और जहां-जहां भी संविधान से छेड़छाड़ कर धर्म और तुष्‍टीकरण की राजनीति के कारण आरक्षण की लूट हुई, उसकी समीक्षा हो।

केशव ने कहा कि अदालत द्वारा 2010 के बाद के सभी ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द किए जाने से भविष्य में इसका लाभ वास्तव में वंचित और पिछड़े समाज के लोगों मिलेगा। यह एक शुरुआत है, अब जहां भी ऐसा हुआ है, वहां इसकी समीक्षा की आवश्यकता है। भाजपा संविधान के साथ विश्‍वासघात किसी भी सूरत में नहीं होने देगी और अदालत के निर्णय को लागू करवाने की दिशा में प्रयास करेगी।

उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन दलित, ओबीसी और आदिवासियों का हक छीन कर मुसलमानों को देना चाहती हैं। जब तक भाजपा है, वह इनके अधिकारों पर किसी को भी डाका नहीं डालने देगी। अदालत के निर्णय के बाद इंडी गठबंधन के नेताओं के बयान और भी ज्यादा शर्मनाक हैं। ममता बनर्जी कह रही हैं कि वे अदालत के निर्णय को नहीं मानेंगी। उनकी भाषा यह बता रही है कि ये लोग संविधान से नहीं, बल्कि तुष्‍टीकरण की नीति से सरकार चलाती हैं। इस विषय पर कांग्रेस नेताओं के भी बयान चिंताजनक हैं। ओबीसी आयोग के मुताबिक धार्मिक आधार पर आरक्षण संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। उसने कई राज्य सरकारों को इस संबंध में नोटिस भी जारी किए हैं। 4 जून को मोदी सरकार बनने के बाद इस दिशा में और भी जरूरी काम किए जाएंगे।

दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद से पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाणपत्रों को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने ओबीसी प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर यह फैसला बुधवार को सुनाया।

--आईएएनएस

विकेटी/एकेएस/एसजीके

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित