नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की। इस दौरान विपक्ष के नेताओं ने चुनाव आयोग के समक्ष पोस्टल बैलेट का मुद्दा रखा। विपक्षी नेताओं का कहना है कि मतगणना के दौरान पहले पोस्टल बैलेट की गिनती की जाए। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि पोस्टल बैलेट एक जानी-मानी प्रक्रिया है और कई बार पोस्टल बैलेट चुनाव परिणाम में निर्णायक साबित होते हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि पोस्टल बैलेट की गिनती सबसे पहले करना, पहले की भांति अनिवार्य रखा जाए।
यह तीसरा मौका है, जब मल्टी पार्टी डेलिगेशन चुनाव आयोग से मिलने गया है। सबसे अहम मुद्दा यह है कि पोस्टल बैलेट चुनाव के परिणाम को एक से दूसरी दिशा में ले जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के नियम में कहा गया है कि पोस्टल बैलेट की गिनती पहले की जाएगी। इस बात को कई बार अलग-अलग रूप से चिट्ठियों और गाइडलाइंस द्वारा कहा गया है। 2019 में बड़े स्पष्ट रूप से कहा गया कि पहले पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू कीजिए, उसके बाद ईवीएम की गिनती शुरू कर सकते हैं। लेकिन, आप ईवीएम की गिनती खत्म नहीं कर सकते या परिणाम का अंत नहीं कर सकते, जब तक कि पोस्टल बैलेट का पूरा रिजल्ट गणना के बाद घोषित न हो जाए। यानी पोस्टल बैलेट की गणना के बाद उसका परिणाम पहले घोषित करना अनिवार्य है।
सिंघवी ने कहा कि इसके बावजूद चुनाव आयोग ने गाइडलाइंस के द्वारा इस नियम को बदला है। जबकि, कानून में ऐसा नहीं किया जा सकता। गाइडलाइंस के द्वारा किसी नियम को नहीं बदला जा सकता। एक गाइडलाइंस द्वारा जो पुरानी गाइडलाइंस थी 2019 की, उसे हटा दिया गया है। इसका सीधा और सरल परिणाम यह होता है कि ईवीएम की पूरी गणना हो जाए अंत तक, तब तक भी पोस्टल बैलेट के निर्णय की घोषणा करना अनिवार्य नहीं रहा है।
उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा हुआ है कि पोस्टल बैलेट के आधार पर निर्णय उत्तर से दक्षिण हो गया है, पूर्व से पश्चिम हो गया है। कानून के अंतर्गत एक गाइडलाइंस के आधार पर नियम को नहीं बदल सकते। दूसरी बात यह है कि पोस्टल बैलेट एक निर्णायक भूमिका अदा करता है इसलिए उसे पहले गिना जाए। एक लेवल प्लेइंग फील्ड के लिए स्वतंत्र चुनाव के लिए जो पुराना रूल था, उसी को माना जाए।
--आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम