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कांग्रेस का काम है गाली दो और भाग जाओ, इस पॉलिसी पर कांग्रेस काम कर रही है : गौरव वल्लभ (आईएएनएस साक्षात्कार)

प्रकाशित 04/06/2024, 01:56 am
कांग्रेस का काम है गाली दो और भाग जाओ, इस पॉलिसी पर कांग्रेस काम कर रही है : गौरव वल्लभ (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित होने वाले हैं। इससे पहले कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में आए प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में कई अहम मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने राहुल गांधी, कांग्रेस, अरविंद केजरीवाल, ईवीएम, मोदी मीडिया, एग्जिट पोल सहित आईएएनएस की तरफ से पूछे गए तमाम सवालों का बड़ी सहजता से जवाब दिया।

सवाल :- एक ओर राहुल गांधी 295 की बात कर रहे हैं और दूसरी ओर दिग्विजय सिंह ईवीएम पर सवाल खड़े कर रहे हैं, आखिर कांग्रेस की ये रणनीति क्या है?

जवाब :- दिग्विजय सिंह वह काम कर रहे हैं जो काम राहुल गांधी कल शाम को 5 बजे के बाद करेंगे। दिग्विजय सिंह अभी इस काम की भूमिका बना रहे हैं। यह 295 की बात भी इसलिए कही जा रही है ताकि भूमिका बनाई जा सके। जब 4 बजे 4 जून को कांग्रेस पार्टी देश से साफ हो जाएगी। कांग्रेस पार्टी अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ेगी। उसकी भूमिका बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी के कई बड़े नेता आज से ही चालू हो गए और राहुल गांधी कल से शुरू करेंगे, अर्थात राहुल गांधी अपनी हार का ठीकरा 4 जून से फोड़ना शुरू कर देंगे और कांग्रेस ने इसे पहले ही शुरू कर दिया है। एक कांग्रेस के बड़े नेता को तो चुनाव आयोग ने फटकार भी लगाई है। जब एक बड़े नेता ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाए कि 175 अधिकारियों से बीजेपी ने बातचीत की, उन्हें डराया-धमकाया गया है। इस मामले में भी चुनाव आयोग ने कांग्रेस के बड़े नेता को फटकार लगाई थी। मुझे नहीं लगता कि इस बात का कांग्रेस पर कोई असर होगा। क्योंकि यह जनता के द्वारा भी निकाले जा चुके हैं और देश से भी अब निकलने वाले हैं।

सवाल :- राहुल गांधी ने आज भी 'मोदी मीडिया' का ज़िक्र किया। आप कांग्रेस के प्रवक्ता रह चुके हैं। आख़िर मीडिया को लेकर राहुल गांधी का इतना विरोध क्यों है? असली कहानी क्या है?

जवाब :- राहुल गांधी का देश के लोगों के साथ संपर्क नहीं है। जब तक देश के लोगों से किसी व्यक्ति का संपर्क नहीं होता तो मीडिया उसे कवरेज नहीं देती। राहुल गांधी गुस्सा मीडिया पर उतारते हैं। कांग्रेस के अंदर यही दिक्कत है कि राहुल गांधी अपना जमीनी जुड़ाव जनता के बीच खो चुके हैं। उस पर तो कुछ काम नहीं करते, लेकिन, मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर करते हैं। लेकिन, मुझे तो आश्चर्य होता है जब मीडिया के साथियों से कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता ऐसा पूछते हैं कि अपने कैमरामैन की जाति बताओ, अपने एडिटर की जाति बताओ। वह किस जाति से आता है। इन तमाम बातों का कांग्रेस के लोग मीडिया वालों से जिक्र करते हैं। देश के अंदर सबसे ज्यादा जाति व्यवस्था, जिसको की महात्मा गांधी देश के अंदर खत्म करना चाहते थे, उसके विरोध में थे। इसके लिए कांग्रेस पार्टी के पूर्वजों ने लड़ाई लड़ी। आज राहुल गांधी अपने पूर्वजों के खिलाफ काम कर रहे हैं। जब वह यह पूछते हैं कि इस एडिटर का नाम क्या है? यह पत्रकार तो ओबीसी वर्ग से है। यह जनरल कैटेगरी से है। यह व्यवस्था देश के अंदर स्वीकार नहीं है।

सवाल :- क्या चुनाव नतीजे आने के बाद कांग्रेस में किसी बगावत की संभावना दिखाई दे रही है?

जवाब :- पहली बात बगावत नहीं चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से टूट जाएगी। बगावत तो तब होती है, जब कोई ताकतवर होता है। कांग्रेस के सारे बड़े नेता बड़े अंतर से 4 जून को चुनाव हारने वाले हैं। कांग्रेस पार्टी का ग्राउंड कनेक्ट टूट चुका है। कांग्रेस पार्टी आज दिशाहीनता के सर्वोच्च शिखर पर बैठी है।

सवाल :- प्रधानमंत्री 2047 की बात कर रहे हैं, अगले सौ दिनों के एजेंडे पर काम कर रहे हैं, उधर राहुल गांधी मीडिया से लड़ाई लड़ रहे हैं। इस अप्रोच को आप कैसे देखते हैं?

जवाब :- इसको कहते हैं डिस्ट्रक्टिव अप्रोच। मैंने अपने पत्र में लिखा था कि विपक्ष का काम सकारात्मक आलोचना करना है। कांग्रेस एक और पॉलिसी पर काम कर रही है। ए का मतलब 'अब्यूज' और आर का मतलब 'रन', कांग्रेस का काम है, गाली दो और भाग जाओ। इस पॉलिसी पर कांग्रेस काम कर रही है और इस पॉलिसी को देश स्वीकार नहीं करता है। एग्जिट पोल ने भी यही साफ जाहिर कर दिया है।

सवाल :- कांग्रेस के कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट में सुप्रिया श्रीनेत के रोल को आप किस तरह देखते हैं? क्या सुप्रिया श्रीनेत के कमान संभालने के बाद कांग्रेस का प्रचार तंत्र ज्यादा आक्रामक हुआ या फिर नेगेटिव हुआ?

जवाब :- मैं नहीं जानता सुप्रिया श्रीनेत की पार्टी के अंदर क्या भूमिका है क्योंकि उन्होंने मेरे साथ कभी काम नहीं किया। लेकिन, मैं यह जानता हूं वह ना तो कभी कम्युनिकेशन की इंचार्ज हैं, मेरी जानकारी में तो नहीं हैं। लेकिन, अगर अब वह बन गई हों तो मुझे नहीं पता। मैं यह जानता हूं कि उनके पास कांग्रेस पार्टी में रहने का बहुत बड़ा अप्रोच है। वह यह है कि उनके पिता पूर्व सांसद रह चुके हैं। कांग्रेस पार्टी सिर्फ वंशवाद को बढ़ाती है। वह वंशवाद की उपज हैं और इसी वजह से कांग्रेस पार्टी में हैं।

सवाल :- राहुल गांधी को 'जननायक' कहने की परंपरा कांग्रेस में किसने शुरू की और इसके पीछे मंशा क्या है?

जवाब :- 'जननायक' का संधि विच्छेद होता है जन और नायक। ना तो राहुल गांधी जन हैं, ना ही नायक हैं तो जननायक कैसे हो सकते हैं। मैंने कल उनका टीवी पर वीडियो देखा था कि फलाना का आपने गाना सुना क्या? यह उनका तरीका है। मीडिया से बात करने का, देश की मीडिया जब खड़ी है, वह आपसे बात करना चाहती है। आप बात करते नहीं हैं, भाग जाते हैं। कोई गाना बता रहे हैं कि इसने कहा कि इस गाने की तरह 295 सीटें आ रही है। मैं आपको पुनः कहता हूं कि ताश के जितने पत्ते होते हैं, उतनी लोकसभा में कांग्रेस की सीटें नहीं आ रही है।

सवाल :- क्या कांग्रेस पार्टी पर चाटुकारों का कब्जा हो चुका है?

जवाब :- मैंने पहले ही कह दिया कि कांग्रेस में दो ही तरह के लोग हैं या तो वह सिस्टम में हैं, क्योंकि वह वंशवाद के कारण वहां पर बैठे हुए हैं। किसी का पिता मुख्यमंत्री रह चुका है तो कोई राजा-महाराजा के घर से आते हैं या दूसरा कारण है जो सुबह से शाम एक ही काम करते हैं। राहुल गांधी ने कुछ कहा उसे जस्टिफाई करो, उसे रिपीट करो, उसे फॉर्वर्ड करो और उस पर ताली मारो। कांग्रेस पार्टी में ऐसे लोगों की कोई जरूरत नहीं है। यह काम गलत है। कांग्रेस पार्टी को लगता है कि यह हमारे विरोधी हैं। मैं कांग्रेस पार्टी में रहते हुए भी, सनातन पर चुप्पी तोड़ो, भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा में न जाने का पाप मत करो, सुबह से शाम अडानी-अंबानी को गालियां देना बंद करो, चिल्लाता रहा। कांग्रेस पार्टी में चाटुकारिता बहुत छोटा शब्द है। वहां पर ऐसे लोगों की जरूरत है जो सुबह-शाम मोदी को गालियां दे सके, देश के वेल्थ क्रिएटर को गाली दे सके।

सवाल :- कांग्रेस पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि काउंटिंग के दिन शाम तक मतगणना केंद्र पर रहें, कल मतगणना के दौरान गड़बड़ी भी हो सकती है, इसका वीडियो भी बनाएं?

जवाब :- कोई गड़बड़ी नहीं होगी। देश का इलेक्शन कमीशन एक संवैधानिक संस्था है। जिसके ऊपर देश के प्रत्येक वोटर को पूरा विश्वास है। कांग्रेस का भी अभी तक है, लेकिन कल शाम को 4 बजे कांग्रेस को विश्वास नहीं रहेगा। मैं यह बात पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं।

सवाल :- संजय सिंह ने भी एग्जिट पोल पर सवाल खड़े किए हैं, कहा है यह सब नैरेटिव सेट किया गया है ?

जवाब :- संजय सिंह का सबसे बड़ा मकसद यह है कि वह अरविंद केजरीवाल की कुर्सी पर बैठना चाहते हैं। यह मैं आज आपको बताना चाहता हूं। संजय सिंह दिल्ली के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। केजरीवाल की कुर्सी पर बैठना चाहते हैं। ध्यान रहे केजरीवाल, आपकी कुर्सी पर किसी की नजर है तो वह संजय सिंह हैं। संजय सिंह उस पार्टी के कार्यकर्ता हैं और उस पार्टी के नेता हैं। जो सुबह से शाम दारू का काम करती है। एक पंजाब के मुख्यमंत्री दारू पीकर ऐसी अवस्था में पहुंच गए तो हवाई अड्डे पर उन्हें नॉट फिट टू फ्लाई बोला गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री आज दारू के अंदर भ्रष्टाचार करने के कारण जेल में हैं। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री भी शराब में भ्रष्टाचार के कारण जेल में हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री भी भ्रष्टाचार के कारण जेल में हैं। ऐसी सरकार और ऐसी पार्टी मुझे नहीं लगता कि हम इस सदी में देख पाएंगे। इसलिए अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए एक ही शब्द है। यह इस कलयुग के सबसे बड़े भ्रष्टाचारी हैं।

सवाल :- मंगलवार को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे, दिल्ली में आप और कांग्रेस का गठबंधन है, तो, क्या लगता है कि कल के बाद गठबंधन रहेगा ?

जवाब :- मंगलवार शाम 5 बजे के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन टूट जाएगा। यह लोग एक-दूसरे को टीवी पर गालियां देते हुए नजर आएंगे। दिल्ली में आप कहेगी कि कांग्रेस की वजह से हार गए और कांग्रेस कहेगी कि आप के कार्यकर्ताओं ने वोट नहीं दिया। इसी प्रकार बिहार में लालू की पार्टी कहेगी कांग्रेस की वजह से हार गए।कांग्रेस कहेगी कि लालू की पार्टी की वजह से हारे। ममता ने तो पहले ही कह दिया है, उन्होंने ऑन रिकॉर्ड बोला है कि कांग्रेस की 40 सीटें आएंगी। मेरा नहीं यह ममता बनर्जी का बयान है। जो कि कांग्रेस के साथ इंडी एलायंस में शामिल हैं। कल शाम को 5 बजे आपको दिख जाएगा। देश के अंदर जो इंडी नाम का अलायंस बना है, किस तरह तितर-बितर होगा। क्योंकि यहां पर एक तो अलायंस है। कुर्सी पर बैठने के लिए 100 लोग अपने कपड़े सिलवा चुके हैं। एग्जिट पोल आने के बाद सब लोग निराश हैं। कल नतीजे आने के बाद विपक्ष की पार्टियों के नेता कोई लंदन, थाईलैंड, बैंकॉक या दूर के देशों में भ्रमण करते हुए दिखाई देंगे।

--आईएएनएस

जीकेटी/

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