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झारखंड में 'लाल आतंक' से मुक्ति, बंपर वोटिंग का बना रिकॉर्ड

प्रकाशित 04/06/2024, 02:37 am
झारखंड में \'लाल आतंक\' से मुक्ति, बंपर वोटिंग का बना रिकॉर्ड

रांची, 3 जून (आईएएनएस)। झारखंड में 2024 के लोकसभा चुनाव में एक सुकून भरा खूबसूरत रिकॉर्ड बना है। वह यह कि पिछले ढाई दशकों के इतिहास में यह पहला चुनाव है, जो 'लाल आतंक' के साए से पूरी तरह मुक्त रहा। पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान नक्सली हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई। झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने सोमवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पुलिस और सुरक्षाबलों की इस कामयाबी का श्रेय चुनाव ड्यूटी में लगे एक-एक जवान और अफसर को है। उन्होंने सभी को इसके लिए बधाई दी।

उन्होंने बताया कि राज्य में 40 मतदान केंद्र ऐसे रहे, जहां पहली बार वोट डाले गए। नक्सल प्रभावित इलाकों के इन बूथों पर इसके पहले वोटिंग नहीं हुई थी। झारखंड में पहली बार ऐसा हुआ है कि सभी 14 सीटों पर बिना किसी हिंसक घटना के मतदान संपन्न हुआ है। पलामू-गढ़वा के बूढ़ा पहाड़ से लेकर सिंहभूम के सारंडा तक जहां एक पत्ता भी माओवादियों की बंदूकों के इशारे के बगैर नहीं खड़कता था, वहां लोग इस बार उत्सवी माहौल में वोट डालने निकले। कई इलाके तो ऐसे रहे, जहां 20 से 35 साल के बाद पहली बार मतदान हुआ।

उन्होंने बताया कि इसके पहले नक्सल प्रभावित जिलों में वोटिंग का टाइम दोपहर तीन बजे तक ही होता था, लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने पूरे दिन यानी सुबह सात से शाम पांच बजे तक वक्त तय किया था। सारंडा और बूढ़ा पहाड़ जैसे इलाकों में शाम पांच बजे भी सैकड़ों लोग वोटिंग की कतार में देखे गए। इन इलाकों में पोलिंग पार्टियों को हेलीकॉप्टर से क्लस्टरों तक पहुंचाया गया था। चुनाव संपन्न होने के बाद हेलीकॉप्टरों से इनकी सुरक्षित वापसी भी हो गई। राज्य में कुल 3,479 बूथों को नक्सल प्रभावित श्रेणी में रखा गया था, जबकि 9,460 बूथ संवेदनशील श्रेणी के थे। पुलिस और सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से इन जगहों पर भी शांतिपूर्वक मतदान कराया गया।

डीजीपी ने बताया कि गुमला के 13, लोहरदगा के 14, चाईबासा के 126, लातेहार के 65 और गढ़वा के आठ बूथों पर पोलिंग पार्टियों और सुरक्षा एवं पुलिस बलों के जवानों को हेलीकॉप्टरों से पहुंचाया और वापस लाया गया। चुनाव ड्यूटी में कुल 40 हजार जवानों की तैनाती की गई थी। राज्य पुलिस के अलावा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 200 कंपनियों को तैनात किया गया था। आदर्श आचार संहिता के दौरान 243 हथियार जब्त किए गए। 14,581 लाइसेंसी हथियारों को जमा कराया गया और 2,052 हथियार के लाइसेंस रद्द किए गए। इसके साथ ही जांच के दौरान पुलिस ने 84.52 करोड़ की रकम जब्त की।

--आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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