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निशिकांत दुबे ने मुर्शिदाबाद समेत पांच जिलों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग उठाई

प्रकाशित 26/07/2024, 10:20 pm
निशिकांत दुबे ने मुर्शिदाबाद समेत पांच जिलों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग उठाई

नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड के गोड्डा सीट से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत 5 जिलों को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने की मांग उठाई है।

इससे पहले मुर्शिदाबाद विधानसभा के बीजेपी विधायक गौरी शंकर घोष ने कहा था कि मुर्शिदाबाद जिले में जिस तरह से बांग्लादेशी घुसपैठ हो रही है, उससे सुरक्षा बाधित होगी। विधायक ने 2022 में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा गृह मंत्रालय के सामने उठाया था और देश की सुरक्षा के लिए उन्होंने मुर्शिदाबाद, मालदा सहित झारखंड के कुछ जिलों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग उठाई थी।

भाजपा विधायक ने उस मांग को लेकर 2022 में गृह मंत्रालय और राज्यपाल को पत्र भी लिखा था। उनकी पार्टी को उस मांग पर भरोसा है और मानना है कि आने वाले दिनों में गृह मंत्रालय इस मांग पर मुहर लगाएगा। इसी मांग को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आगे बढ़ाया है और एक बार फिर पांच जिलों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की है।

बता दें कि निशिकांत दुबे ने इससे गुरुवार को झारखंड में घट रही हिंदू आबादी, बढ़ रही बांग्लादेशी घुसपैठ, धर्मांतरण और एनआरसी का मुद्दा लोकसभा में उठाया था। घट रही हिंदुओं की आबादी पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने एनआरसी लागू करने की मांग की थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं जो कुछ भी कह रहा हूं अगर वह झूठ निकला, तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं।

उन्होंने लोकसभा में कहा था कि विपक्ष के तमाम नेता आज एक ही बात कह रहे हैं कि संविधान खतरे में है। हालांकि, सच्चाई कुछ और है। संविधान नहीं, कुछ लोगों की राजनीति खतरे में है। बिहार से अलग होकर जब झारखंड एक अलग राज्य बना था तब संथाल परगना क्षेत्र में 2000 में आदिवासियों की संख्या 36 फीसदी थी जो आज 26 फीसदी है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि दस फीसदी आदिवासी कहां खो गए? इस विषय पर इस सदन में कभी बात नहीं होती, सिर्फ वोट बैंक की राजनीति होती है।

भाजपा नेता ने आगे कहा था कि झारखंड सरकार भी इस पर कोई एक्शन नहीं ले रही है। बांग्लादेश से घुसपैठ हमारे यहां लगातार बढ़ रही है, जो आदिवासी महिलाएं हैं उनके साथ बांग्लादेशी घुसपैठिये शादी कर रहे हैं। हमारे यहां से चुनाव लड़ने वाली आदिवासी महिलाओं के पति मुसलमान हैं, जिला परिषद की जो अध्यक्ष हैं उनके पति मुसलमान हैं। हमारे यहां एक लाख आदिवासी मुखिया हैं, जिनके पति मुसलमान हैं।

--आईएएनएस

एससीएच/एसकेपी

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