बेगूसराय, 31 जुलाई (आईएएनएस)। यूपी सरकार के योगी मॉडल की तर्ज पर बिहार के बेगूसराय में खुले में संचालित मीट-मांस की दुकानों को बंद कराया जा रहा है। भाजपा सांसद गिरिराज सिंह की मांग के बाद नगर निगम प्रशासन की ओर से यह कार्रवाई की जा रही है।बेगूसराय नगर निगम प्रशासन ने स्पष्ट हिदायत दी है कि खुले में मीट और मुर्गा की दुकान नहीं लगाई जाएगी, नहीं तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद स्थानीय लोगों का कहना है कि हिंदू धर्मावलंबियों के धर्म की रक्षा को लेकर प्रशासन अब सजग हो रहा है।
बेगूसराय में जारी अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान एनएच-31 के किनारे खुले में संचालित मीट मांस की दुकानों को हटाया गया है। नगर निगम प्रशासन का कहना है कि खुले में मीट मांस की दुकान अब नहीं चलने दी जाएगी। इसके अलावा दुकान चलाने के लिए लाइसेंस लेना भी जरूरी है। प्रशासन ने सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत ही मीट मांस की दुकान चलाने का निर्देश दिया है।
मेयर पिंकी देवी ने कहा कि खुले में मीट बेचना अवैध है और सरकारी गाइडलाइन के अनुसार ही मीट मांस की दुकान चलाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार और न्यायालय दोनों का कहना है कि खुले में मीट नहीं बेचा जा सकता। खुले में मीट की दुकानें होने से आने-जाने वाले लोगों को दिक्कत होती है और स्वास्थ्य के लिए भी यह हानिकारक है। जो लोग बिना रजिस्ट्रेशन के मीट मांस का व्यापार कर रहे हैं, वो नगर निगम से रजिस्ट्रेशन कराएं।
नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने बताया कि खुले में मीट बिक्री को रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। हम वैसी जगहों को चिन्हित कर रहे हैं, जहां खुले में मीट बेचे जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमने दुकानदारों से भी अपील की है कि वह खुले तौर पर मीट न बेचे और नियम का पालन करें। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का अभियान लगातार चलाया जा रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉक्टर संजय कुमार ने कहा कि खुले में मांस बेचना सेहत के लिए हानिकारक है। अगर खुले में मांस बेचा जाता है तो उसमें इन्फेक्शन का खतरा होता है।
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