नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली के रोहिणी इलाके में आशा किरण शेल्टर होम में बच्चों की मौत पर राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। आप विधायक महेंद्र गोयल ने दावा किया है कि उस शेल्टर होम में दो महीने में 28 बच्चों की जान गई है।गोयल ने कहा, "दिल्ली के अंदर तानाशाही मची हुई है। आज मैं आशा किरण शेल्टर होम गया था। वहां बहुत सी खामियां पाई गई हैं। पिटीशन कमेटी के चेयरमैन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। मैंने आशा किरण शेल्टर होम में इस साल बच्चों की मौत का आंकड़ा लिया है। जून में 14 बच्चों ने अपनी जान गंवाई, और जुलाई में भी 14 बच्चों की मौत हुई। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।"
विधायक ने कहा कि वहां पर एक ऐसा अधिकारी बैठा दिया गया है जो पहले रिश्वतखोरी के आरोप में निलंबित हो चुका है। बावजूद इसके उस अधिकारी को कई विभाग सौंपे गए हैं। उन्होंने कहा, "ऐसे व्यक्ति को इस प्रकार की जिम्मेदारी देंगे तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस समय एलजी के जरिये अफसरशाही मची हुई है। उनको (भाजपा) दिल्ली के अंदर किसी चीज का खौफ नहीं है।"
महेंद्र गोयल ने कहा कि भाजपा के लोगों को पता है कि कोई मंत्री, विधायक और पार्षद उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। इसलिए उनके अंदर बिल्कुल भी डर नहीं है। उनके हौसले बुलंद है। ऐसी चीजों पर लगाम लगनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि आशा किरण शेल्टर होम मानसिक रूप से दिव्यांगजनों के लिए है। वहां पिछले करीब 20 दिन में 14 बच्चों की मौत के बाद मामला सुर्खियों में आ गया। शेल्टर होम में इतनी बड़ी संख्या में दिव्यांग बच्चों की मौत काफी चिंताजनक है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने इस घटना को लेकर मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।
भाजपा का कहना है कि उनकी जानकारी के मुताबिक, आशा किरण शेल्टर होम में बच्चों को साफ पानी नहीं मिल रहा है। उन्हें खाना नहीं मिलता और उनका इलाज भी नहीं होता है। भाजपा ने भी इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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