नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। यमुना नदी हमारी मां है और आज वह वेंटिलेटर पर है। दिल्ली में यमुना नदी को साफ करने के लिए हजारों करोड़ों रुपए खर्च किए गए लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। शुक्रवार को यह बात राज्यसभा में कही गई।आम आदमी पार्टी सांसद स्वाति मालीवाल ने राज्यसभा में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने यमुना को साफ करने का वादा किया था। कहा था कि वह यमुना नदी को इतना साफ कर देंगे कि इसमें डुबकी लगा सकते हैं।
यमुना नदी का विषय राज्यसभा में उठाते हुए स्वाति मालीवाल ने कहा कि हजारों करोड़ रुपए खर्च हुए, बावजूद इसके स्थिति वैसी की वैसी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली वाले बहुत भाग्यशाली हैं कि यहां से यमुना नदी गुजरती है। यमुना नदी का उल्लेख हमारे वेदों और महाभारत में भी मिलता है। लेकिन दुख की बात है कि यह नदी हमारी नाकामी की वजह से एक तरीके से नाला बन गई है। इस नदी की सदियों से पूजा होती आई है, लेकिन आज दिल्ली के 22 बड़े नाले यमुना नदी में गिरते हैं।
उन्होंने बताया कि 238 मिलियन गैलन सीवर की गंदगी हर दिन यमुना नदी में गिरती है। इससे हालात यह हो गए हैं कि यमुना नदी में जहरीला झाग ज्यादा दिखता है और पानी कम। यमुना नदी का एक बहुत छोटा सा अंश दिल्ली से होकर गुजरता है लेकिन इसमें से भी 76 प्रतिशत हिस्सा प्रदूषित है।
उन्होंने कहा कि हालत बहुत खराब है। 55 सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की तुरंत आवश्यकता है। इसमें से दिल्ली में सिर्फ 35 सीवर ट्रीटमेंट प्लांट हैं, जिसमें से 22 उस स्तर के नहीं हैं।
राज्यसभा में उन्होंने बताया कि दिल्ली में हर दिन अवैध तरीके फैक्ट्रियों से हेवी मेटल और जहरीले केमिकल यमुना नदी में छोड़े जाते हैं। इसकी वजह से हमारी जिंदगी में जहर घोला जा रहा है जिसके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
उन्होंने कहा कि 2021 में दिल्ली सरकार ने यमुना नदी को 2025 से पहले साफ करने का वादा किया था। लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया।
स्वाति मालीवाल ने कहा कि यमुना को सफाई के मुद्दे पर बस राजनीति हो रही है, खोखले वादे। आरोप प्रत्यारोप से दिल्ली की दशा नहीं बदलेगी।
उन्होंने कहा कि वह दिल्ली सरकार से कहना चाहती हैं कि जब तक उनकी नीयत साफ नहीं होगी, तब तक यमुना का पानी साफ नहीं हो सकता। दिल्ली में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को युद्ध स्तर पर बनाना ही होगा, नहीं तो यमुना की यही स्थिति रहेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें केंद्र सरकार की मदद की भी जरूरत है।
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