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अग्निपथ योजना को पूरे देश में समर्थन मिल रहा है : राजनाथ सिंह

प्रकाशित 18/08/2024, 10:31 pm
अग्निपथ योजना को पूरे देश में समर्थन मिल रहा है : राजनाथ सिंह
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नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)। 'शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।' इन पंक्तियों का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को रक्षा मंत्रालय के 'रक्षा सूत्र : संदेश टू सोल्जर्स' पॉडकास्ट में भारतीय सेना के महत्व को रेखांकित किया। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान अग्निपथ योजना पर भी बात की। उन्होंने कहा कि पूरे देश में अग्निपथ योजना को समर्थन मिल रहा है। हमारे युवा बढ़-चढ़कर इस योजना के माध्यम से देश की सेनाओं में शामिल हो रहे हैं। अग्निपथ के पहले दो बैच के 40,000 हजार वीरों ने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, और आवंटित इकाइयों में तैनाती के अधीन हैं। हमारे सशक्त बलों के सैनिकों ने विश्व शांति में भी अपनी भागीदारी निभाई है। भारतीय सेना के 160 जवानों ने विश्व शांति के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान भी दिया है।

उन्होंने कहा कि हिमालय की बर्फीली चोटियों से लेकर समुद्र की गहराइयों तक, थार के रेगिस्तान से लेकर उत्तर पूर्व के जंगलों तक हमारे वीर जवान डटे हैं। देश के वीर जवानों ने कठिन, दुर्गम क्षेत्रों में अपने परिवार से दूर रहकर भारत की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखने के लिए अपना सर्वोच्च लगाया है, राष्ट्र उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता है। हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से, जो आजादी हमने अर्जित की उस स्वतंत्रता को बनाए रखने में हमारे जवानों की अहम भूमिका है। वीर सपूतों ने कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देकर भारत की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा की। उनकी शौर्य गाथाएं बच्चे-बच्चे की जुबान पर हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों के हथियारों, तोपों, टैंकों, लड़ाकू जहाजों, हेलीकॉप्टर, मिसाइल सिस्टम, आदि के निर्माण में हम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। हमारी सरकार मेक इन इंडिया के तहत यह सुनिश्चित कर रही है कि हमारे सैनिकों के पास भारत में बने हथियार ही होने चाहिए। हमारे पायलट भारत में बने तेजस लड़ाकू विमान, एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर, ध्रुव और लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर उड़ा रहे हैं। हमारे नौसैनिक भारत में बनी हुई पनडुब्बियों से समुद्री सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। हमारी थल सेना के जवान अर्जुन टैंक और स्वदेशी तोपों से देश के सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा था, जब भारत की गिनती हथियार आयातक देशों में होती थी, लेकिन अब भारत इससे आगे बढ़कर एक एक्सपोर्टर के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट 21 हजार करोड़ के रिकॉर्ड तक पहुंच गया है। रक्षा क्षेत्र के महत्व को पहचानते हुए इस बार के केंद्रीय बजट 2024-25 में रक्षा मंत्रालय को 6.22 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। आज हमारी सेनाएं ज्यादा सक्षम और आत्मनिर्भर हो रही हैं। रक्षा क्षेत्र में आर एंड डी के लिए बजट का 25 प्रतिशत निजी क्षेत्र के लिए रिजर्व किया गया है। पिछले दस सालों में लगभग 6 लाख करोड़ रुपए के रक्षा उपकरण स्वदेशी कंपनियों से खरीदे गए हैं। इन दस सालों में डिफेंस प्रोडक्शन दोगुना हो चुका है।

उन्होंने यह भी कहा कि इस साल अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में 'विकसित भारत, विकसित पूर्वोत्तर' कार्यक्रम के दौरान सेला सुरंग परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया गया है। यह सीमा क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ाएगी। शुंकुन ला टनल निर्माण के बाद विश्व की सबसे ऊंची सुरंग होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सशक्त बल में हमने महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता दी है। सशक्त बलों में भी महिला सशक्तीकरण के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। महिलाओं को भारतीय नौसेना ने जून 2023 से सभी शाखाओं में शामिल करना शुरू कर दिया है।

रक्षा मंत्री ने हाल में केरल के वायनाड में आई आपदा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विनाशकारी भूस्खलन में कई लोगों ने अपनी जान गंवाई, कई लोग घायल भी हुए। लोगों को संपत्ति का भी नुकसान हुआ। इस आपदा की घड़ी में सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है। इस आपदा के समय में भारतीय सेना ने तत्परता से राहत और बचाव का काम किया। उन्होंने कहा कि पेरिस ओलंपिक में भी भारतीय सेना का महत्वपूर्ण योगदान रहा। 117 भारतीय एथलीट में से 24 सशक्त बल के जवानों ने भी भाग लिया। इनमें स्टार खिलाड़ी सूबेदार मेजर नीरज चोपड़ा शामिल थे, जिन्होंने भारत के लिए रजत पदक जीता है।

--आईएएनएस

एसएम/एबीएम

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