बेंगलुरु, 23 नवंबर (आईएएनएस)। राजनीतिक नेताओं से जाति आधारित जनगणना को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि केवल अनुमानों के आधार पर विरोध न करें। विरोध करने वाले लोग इसके विषय में नहीं जानते।बागलकोट में पत्रकारों से बात करते हुए सिद्दारमैया ने कहा, 'रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद इस मुद्दे पर चर्चा करते हैं।'
जाति-जनगणना के गायब ब्लूप्रिंट के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के. जयप्रकाश हेगड़े को आमंत्रित करेंगे और उनसे बात करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री और जद(एस) नेता एच.डी. कुमारस्वामी के इस आरोप पर कि जाति जनगणना रिपोर्ट समाज को विभाजित कर देगी, सिद्दारमैया ने सवाल किया कि क्या कुमारस्वामी को पता था कि रिपोर्ट में क्या है।
उन्होंने कहा, "बिना जाने किसी को इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए। समाज कैसे बंटेगा? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति जनगणना को स्वीकार किया था, उन्होंने बिहार में समाज को बांटा है? कोई भी बयान सच्चाई के आधार पर दिया जाना चाहिए।"
इस बीच, पूर्व सीएम और बीजेपी नेता बसवराज बोम्मई ने गुरुवार को कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया राजनीतिक लाभ लेने के लिए जाति जनगणना रिपोर्ट मामले को सामने ला रहे हैं।
बोम्मई ने कहा, "शुरुआत से ही सिद्दारमैया ने जाति जनगणना के मुद्दे को भ्रम का विषय बना रखा था। शुरुआत में इस सर्वेक्षण को जाति जनगणना कहा गया, बाद में इसे सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण रिपोर्ट करार दिया गया। सरकारी रिकॉर्ड में, इसका उल्लेख सामाजिक, शैक्षणिक रिपोर्ट के रूप में किया गया है।''
बोम्मई ने कहा, "पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा किया गया सर्वेक्षण अनुचित है। इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप था। जब सब कुछ हो रहा था तो सीएम सिद्दारमैया चुप रहे।"
बोम्मई ने कहा कि चुनाव नजदीक आने के कारण मुख्यमंत्री सिद्दारमैया राजनीतिक फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, "रिपोर्ट आने के बाद हम इस मुद्दे पर अपना फैसला सार्वजनिक करेंगे।"
--आईएएनएस
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