नई दिल्ली, 30 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने वाणिज्यिक उड़ानों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) उपकरणों को ले जाने पर प्रतिबंध लगाने वाले जनवरी 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका के जवाब में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को नोटिस जारी किया है।याचिकाकर्ता, पर्यावरण वैज्ञानिक राहुल बनर्जी ने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर अपने जीपीएस उपकरण की गैरकानूनी जब्ती के लिए मुआवजे की मांग की।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और मिनी पुष्करणा की अध्यक्षता वाली अदालत ने मंत्रालय को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया और 2 अप्रैल, 2024 को आगे की सुनवाई निर्धारित की।
बनर्जी ने अपने काम में हाथ से पकड़े जाने वाले जीपीएस उपकरण की अभिन्न भूमिका पर जोर देते हुए तर्क दिया कि इसकी जब्ती मौजूदा कानूनों का उल्लंघन है।
बनर्जी के वकील ने कहा कि उस समय वाणिज्यिक विमानों पर जीपीएस उपकरण ले जाने पर प्रतिबंध नहीं होने के बावजूद, 2 जून, 2022 को जब्ती हुई।
याचिका में स्पष्ट किया गया कि 'रिसीव-ओनली' जीपीएस डिवाइस में ट्रांसमिशन क्षमताओं का अभाव है, जो इसे सैटेलाइट फोन से अलग करता है।
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि जनवरी 2023 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के परिशिष्ट में जीपीएस उपकरणों को सैटेलाइट फोन के बराबर बताते हुए इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया गया कि ऐसे उपकरणों को आयात करने और ले जाने की अनुमति कम से कम एक दशक से थी।
अदालत को सूचित किया गया कि अधिकारी बनर्जी का जीपीएस उपकरण वापस करने और उनके प्रतिनिधित्व पर विचार करने के इच्छुक थे। हालांकि, बनर्जी के वकील ने मामले पर गहन विचार करने और विमानन मंत्रालय के आदेश को वापस लेने का आग्रह किया।
--आईएएनएस
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