कोलकाता, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भाजपा की बढ़त ने भारी जीत का संकेत दिया है, जिससे पश्चिम बंगाल इकाई राज्य में अपनी संभावनाओं के प्रति अधिक आशावादी हो गई है, यहाँ तक कि पार्टी नेताओं का एक वर्ग तृणमूल कांग्रेस शासन के पतन की भविष्यवाणी भी करने लगा है।राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी जैसे कुछ राज्य भाजपा नेताओं ने छत्तीसगढ़ की स्थिति का संदर्भ दिया है, जहां माना जाता है कि भ्रष्टाचार ने इसकी जीत सुनिश्चित करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अधिकारी ने कहा, "वर्तमान पश्चिम बंगाल सरकार 2026 तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेगी। यह उससे बहुत पहले ही गिर जाएगी। कल से फिर चौतरफा हमला होगा। देश में एकमात्र गारंटी जो काम करती है वह नरेंद्र मोदी की गारंटी है। वही पश्चिम बंगाल में भी सच होगा।”
हालांकि विपक्ष के नेता ने ज्यादा कुछ नहीं कहा, लेकिन उनका स्पष्ट संकेत पश्चिम बंगाल में विभिन्न वित्तीय घोटालों पर केंद्रीय एजेंसियों की ओर से संभावित और अधिक सशक्त कार्रवाई की ओर था।
राज्य पार्टी के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि नतीजों का असर निश्चित तौर पर पश्चिम बंगाल पर पड़ेगा।
भट्टाचार्य ने कहा, "राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह पश्चिम बंगाल के लोग भी यहां बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ जोरदार आवाज उठाएंगे, जिसका पहला प्रतिबिंब 2024 के लोकसभा चुनावों में महसूस किया जाएगा।"
इस पर तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई, जिन्होंने नतीजों को भाजपा की सफलता से ज्यादा कांग्रेस की विफलता बताया।
तृणमूल कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, "यह भाजपा की जीत नहीं है, बल्कि यह कांग्रेस की हार है।"
यह अनिश्चित है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज दिन में इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया देंगी या नहीं।
--आईएएनएस
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