💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

दिल्ली हाईकोर्ट ने चिकित्सा के प्रति समग्र दृष्टिकोण की मांग वाली जनहित याचिका में आईएमए को पक्ष बनाया

प्रकाशित 02/02/2024, 12:54 am
दिल्ली हाईकोर्ट ने चिकित्सा के प्रति समग्र दृष्टिकोण की मांग वाली जनहित याचिका में आईएमए को पक्ष बनाया

नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को वकील और भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) को पक्ष बनाया, जिसमें समग्र दृष्टिकोण की वकालत की गई है।आधुनिक चिकित्सा के चिकित्सकों के संगठन आईएमए ने एक पक्षकार आवेदन दायर किया था, जिसे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पी.एस. अरोड़ा की खंडपीठ ने अनुमति दे दी थी।

अदालत ने आवेदन को अनुमति देते हुए कहा, “मौजूदा आवेदन को अनुमति दी जाती है। नव-अभियुक्त प्रतिवादी सहित उत्तरदाता अपना जवाब दाखिल करेंगे।”

हाल ही में, अदालत ने नीति आयोग द्वारा स्थापित समिति से एक व्यापक एकीकृत चिकित्सा प्रणाली तैयार करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा था जो चिकित्सा की विभिन्न शाखाओं की शक्तियों को जोड़ती है।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा (हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत) और न्यायमूर्ति संजीब नरूला की खंडपीठ ने एलोपैथी, आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी विभिन्न चिकित्सा प्रणालियों में मौजूद ज्ञान के भंडार को स्वीकार किया था।

अदालत ने सुझाव दिया था कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि क्या चिकित्सा की इन विभिन्न शाखाओं को एकीकृत किया जा सकता है।

बेंच ने कहा था कि ये चिकित्सा प्रणालियां मानव शरीर की अलग-अलग समझ वाली अलग-अलग शाखाएं हैं और सभी शरीर अद्वितीय हैं।

इसने विश्‍वास जताया था कि यदि इस ज्ञान को एकीकृत किया जा सकता है, तो यह अधिक व्यापक स्वास्थ्य देखभाल दृष्टिकोण को जन्म दे सकता है।

भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने एकीकरण के विचार का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें "हर चीज़ का सर्वश्रेष्ठ" शामिल होगा।

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि एकीकरण का मामला विशेषज्ञों द्वारा तय किया जाना चाहिए।

इसमें कहा गया, "यह तय करना आपके और मेरे लिए नहीं है। यह विशेषज्ञों को तय करना है।"

उपाध्याय ने अदालत को इस मुद्दे के समाधान के लिए नीति आयोग द्वारा स्थापित एक समिति के अस्तित्व के बारे में सूचित किया था। जवाब में, अदालत ने समिति से इस मामले पर अपना काम तेज करने का आग्रह किया।

इसके अलावा, अदालत ने दो अतिरिक्त संस्थाओं, मेडिको लीगल एक्शन ग्रुप और योग प्रतिपादक रामदेव से संबद्ध पतंजलि अनुसंधान संस्थान को कार्यवाही में पक्षकारों के रूप में शामिल किया था।

इससे पहले, अदालत ने एलोपैथी, आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के औपनिवेशिक पृथक तरीके के बजाय भारतीय समग्र एकीकृत औषधीय दृष्टिकोण को अपनाने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य उत्तरदाताओं से जवाब मांगा था।

जनहित याचिका का समर्थन करने के लिए पतंजलि अनुसंधान संस्थान ने सितंबर 2022 में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया था और मामले में उन्हें पक्षकार बनाने की मांग की थी।

स्वास्थ्य के अधिकार को सुरक्षित करने के लिए याचिका में सभी मेडिकल कॉलेजों में एलोपैथी, आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के एक समग्र एकीकृत सामान्य पाठ्यक्रम और सामान्य पाठ्यक्रम को लागू करने की भी मांग की गई है।

याचिकाकर्ता ने कहा है कि भारी निवेश के बावजूद भारत की मौजूदा स्वास्थ्य सेवा प्रणाली तीव्र और पुरानी बीमारियों से लड़ने में भारतीय आबादी को लाभ पहुंचाने में सक्षम नहीं है।

उन्होंने कहा, “भारत में स्वास्थ्य देखभाल वितरण को तीन श्रेणियों प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। सभी चार स्तंभों पर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में मदद करने के लिए सभी तीन स्तरों को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।”

--आईएएनएस

एसजीके/

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित