💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

हेमंत के पिता शिबू सोरेन भी फंसे थे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में

प्रकाशित 04/02/2024, 04:41 pm
हेमंत के पिता शिबू सोरेन भी फंसे थे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में

रांची, 4 फरवरी (आईएएनएस)। झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में जेल में हैं। उनके पिता शिबू सोरेन भी केंद्र में मंत्री और सांसद रहते हुए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में फंसे थे। 1993 के सांसद घूसकांड में हेमंत सोरेन के पिता और जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन का नाम जोर-शोर से उछला था। शिबू सोरेन समेत जेएमएम के चार सांसदों पर आरोप लगा था कि उन्होंने तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार को बचाने के लिए घूस ली थी। आरोप था कि शिबू सोरेन और उनकी पार्टी के तीन सांसदों - शैलेंद्र माहतो, साइमन मरांडी और सूरज मंडल - के घर सूटकेस भर-भर कर नोटों की गड्डियां पहुंची थीं।

1993 में केंद्र में कांग्रेस की नरसिम्हा राव की सरकार चल रही थी। 28 जुलाई 1993 को बीजेपी नरसिम्हा राव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई, सरकार का गिरना लगभग तय था, लेकिन जब संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई तो जेएमएम के सांसदों ने सरकार के पक्ष में और अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया और इस तरह कांग्रेस की सरकार बच गई। कांग्रेस की सरकार तो बच गई लेकिन नरसिम्हा राव सरकार पर सरकार बचाने के लिए घूस देने के जो आरोप लगे उसके दाग कभी नहीं धुले।

1995 में भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने इस घूसकांड का संसद के भीतर सनसनीखेज खुलासा किया था। वाजपेयी संसद के सभी सदस्यों के सामने जेएमएम के सांसद शैलेंद्र महतो को लेकर आए।

शैलेंद्र महतो ने स्वीकार किया कि शिबू सोरेन समेत उनकी पार्टी के सांसदों ने कांग्रेस की सरकार को बचाने के लिए 50-50 लाख रुपए की घूस ली थी। इस खुलासे के बाद इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई गई।

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में खुलासा किया कि एक मारुति (NS:MRTI) जिप्सी में सूटकेस भरकर रुपए लाए गए थे और कांग्रेस नेता सतीश शर्मा के फार्म हाउस पर हुई पार्टी में इन पैसों को जेएमएम सांसदों को बांटा गया।

सीबीआई ने चार्जशीट में बताया था कि कांग्रेस नेता बूटा सिंह ने 26 जुलाई 1993 को नरसिम्हा राव के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने के लिए जेएमएम के चार सांसदों से संपर्क किया था और इसके बाद उन चारों सांसदों को बूटा सिंह तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव से मिलवाने के लिए उनके सरकारी आवास 7 रेसकोर्स ले गए। बूटा सिंह ने खुद इस बात को स्वीकार किया था।

हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में रिश्वत लेने वाले सभी नौ सांसदों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 105(2) के तहत उन्हें अभियोजन से मिली छूट का हवाला देते हुए इस केस को रद्द कर दिया था। 2000 में कोर्ट ने सिर्फ राव व बूटा सिंह को दोषी करार दिया, लेकिन 2002 में इन्हें भी बरी कर दिया गया।

इसी तरह शिबू सोरेन जब 2006 में केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में कोयला मंत्री थे, तब कोल ब्लॉक आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोप उनपर भी लगे। कोयला घोटाले की जांच के सिलसिले में सीबीआई ने सोरेन से लंबी पूछताछ की थी। हालांकि इस मामले में सोरेन के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था।

पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख ने कुछ साल पहले आई अपनी किताब में दावा किया कि तत्कालीन कोयला मंत्री शिबू सोरेन और दसारी नारायण राव समेत तमाम दलों के कई सांसदों ने कोयला मंत्रालय में सुधार के उपायों को अमल में ही नहीं आने दिया। अगर वक्त रहते सुधार के कदम उठाए जाते तो कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला होने से रोका जा सकता था।

उन्होंने किताब में लिखा कि जब 2004 में यूपीए की सरकार बनी और शिबू सोरेन को कोयला मंत्री बनाया गया, तब मैंने सोरेन को बताया था कि देश में कोयले की गंभीर कमी है। बिना वक्त गंवाएं कोयला आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन सोरेन की प्राथमिकता में केवल कोल ब्लॉक के तेजी से आवंटन, अधिकारियों का तबादला कराने जैसी चीजें थीं।

--आईएएनएस

एसएनसी/एसकेपी

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित