💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

हिंसा प्रभावित मणिपुर में लोकसभा चुनाव से पहले जातीय मुद्दों से जूझ रहे राजनीतिक दल

प्रकाशित 19/03/2024, 02:20 am
हिंसा प्रभावित मणिपुर में लोकसभा चुनाव से पहले जातीय मुद्दों से जूझ रहे राजनीतिक दल

इम्फाल, 18 मार्च (आईएएनएस)। देश भर में लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद मणिपुर में गैर-आदिवासी मैतेई और आदिवासी कुकी-ज़ोमी समुदायों के बीच 10 महीने से अधिक समय से जारी हिंसा के कारण राजनीतिक दल अपनी रणनीति तय करने के लिए जातीय मुद्दों से जूझ रहे हैं।राज्य में दो लोकसभा सीटों पर मतदान होने हैं।

हालाँकि मणिपुर में 34 अलग-अलग समुदाय हैं, गैर-आदिवासी मैतेई और आदिवासी कुकी-ज़ोमी तथा नागा लोग राज्य की राजनीति और अन्य चुनावी पहलुओं पर हावी हैं।

मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर छह जिलों के घाटी क्षेत्रों में रहते हैं। नागा, कुकी-ज़ोमी 40 प्रतिशत से कुछ अधिक हैं और शेष 10 पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

चुनाव आयोग 20 मार्च को दोनों सीटों के लिए वैधानिक अधिसूचना जारी करेगा, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी काँग्रेस सहित प्रमुख राजनीतिक दलों ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।

राजनीतिक विशेषज्ञ राजकुमार कल्याणजीत सिंह ने कहा कि जातीय हिंसा को देखते हुए पार्टियों को हिंसाग्रस्त राज्य में मौजूदा जटिल जातीय स्थिति पर विचार करना होगा।

सिंह ने आईएएनएस से कहा, "मणिपुर में राजनीतिक दलों को उम्मीदवारों के चयन और चुनाव संबंधी रणनीति तैयार करने में संतुलित विचार करना होगा।"

केंद्रीय विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने 2019 में भाजपा के टिकट पर आंतरिक मणिपुर सीट जीती थी। नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के नेता लोरहो एस. फोज़े बाहरी मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।

भाजपा के सबसे वरिष्ठ राज्य उपाध्यक्ष नोंगथोम्बम निंबस सिंह ने कहा कि पार्टी ने चुनावों के लिए समग्र कार्य करने के लिए पहले ही राज्य स्तरीय चुनाव प्रबंधन समिति का गठन कर लिया है।

निंबस सिंह ने कहा, “समिति में 32 अलग-अलग विभाग हैं और प्रत्येक विभाग सौंपे गए कार्यों को सुचारू करने की जिम्मेदारी लेगा। समिति के अलावा, चार लाख से अधिक कार्यकर्ताओं वाली पार्टी के सभी सदस्यों ने राज्य भर में बूथ स्तर पर काम शुरू कर दिया है।”

उन्होंने बताया कि एक बार जब नई दिल्ली में पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति राज्य के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर देगी, तो राज्यव्यापी अभियान शुरू किया जाएगा, जिसके लिए सब कुछ ठीक है।

दूसरी ओर, विपक्षी काँग्रेस अलग ही दावा कर रही है। उसके प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रवक्ता देबब्रत सिंह ने कहा कि उनकी पहली माँग निरंतर जातीय हिंसा को ध्यान में रखते हुए चुनाव स्थगित करने की थी।

उन्होंने कहा कि पार्टी का अनुरोध “पहले समाधान लाने और उसके बाद चुनाव कराने" का है। हालांकि चुनाव अनिवार्य है, लेकिन इस समय इसके लिए माहौल अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा कि चूँकि चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है, ''हमें इसमें भाग लेना होगा''।

चुनाव आयोग ने आंतरिक मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र में 19 अप्रैल को चुनाव कराने का फैसला किया है, जबकि बाहरी मणिपुर सीट (आदिवासियों के लिए आरक्षित) पर 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को दो चरणों में मतदान होगा।

इस बीच, भले ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) मणिपुर में काँग्रेस के नेतृत्व वाले 10 'समान विचारधारा वाले' दलों के गठबंधन में भागीदार है, वाम दल ने शनिवार को लैशराम सोतिनकुमार को आंतरिक मणिपुर लोकसभा से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।

भाकपा के एक नेता ने कहा कि 14 मार्च को हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व राज्य परिषद सचिव सोतिनकुमार को आंतरिक मणिपुर लोकसभा सीट से मैदान में उतारने का फैसला किया गया।

अनुभवी वामपंथी नेता सोतिनकुमार वर्तमान में मणिपुर में एआईटीयूसी के महासचिव हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बाहरी मणिपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार को पूरा समर्थन देगी।

वामपंथी नेता ने कहा, "अगर राज्य में सामान्य स्थिति और शांति बहाल नहीं हुई तो हम लोकसभा चुनाव लड़ने पर पुनर्विचार कर सकते हैं।"

कांग्रेस और भाकपा के अलावा, गठबंधन का हिस्सा अन्य दल आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, माकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, शिव सेना-यूबीटी, जनता दल-यूनाइटेड और राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी हैं।

काँग्रेस के एक नेता ने उम्मीदवार की एकतरफा घोषणा के लिए भाकपा की आलोचना की और कहा कि इससे भाजपा विरोधी विपक्षी वोट बँट जाएँगे।

मणिपुर में 10,46,706 महिलाओं सहित कुल 20,26,623 मतदाता हैं।

--आईएएनएस

एकेजे/

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित