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इंडिया गठबंधन केवल और केवल अपने परिवारों को बचाने और भ्रष्टाचार को छुपाने का गठबंधन है : सीएम धामी (आईएएनएस साक्षात्कार)

प्रकाशित 25/04/2024, 02:07 am
इंडिया गठबंधन केवल और केवल अपने परिवारों को बचाने और भ्रष्टाचार को छुपाने का गठबंधन है : सीएम धामी (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने यूसीसी, महिला सशक्तीकरण, लैंड जिहाद, इंडी गठबंधन, भाजपा के 400 पार के संकल्प जैसे कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने आईएएनएस के साक्षात्कार में कहा कि इंडिया गठबंधन केवल और केवल अपने परिवारों को बचाने और भ्रष्टाचार को छुपाने का गठबंधन है।

सवाल :- उत्तराखंड का लैंड जिहाद, जिसके खिलाफ आपने एक्शन भी लिया, क्या कांग्रेस सरकार की उन्हीं नीतियों का नतीजा है जिनका जिक्र पीएम मोदी ने किया है?

जवाब :- निश्चित रूप से यह जो लैंड जिहाद जिसको कहते हैं, यह एक वर्ग विशेष को वोट बैंक के लिए यूज करते रहे हैं। उसी का नतीजा है कि देवभूमि का जो मूल स्वरूप है वह खत्म हो रहा है। देवभूमि के मूल स्वरूप को यही लैंड जिहाद खराब करता है और हमने संकल्प लिया है कि हम देवभूमि के मूल स्वरूप को खराब नहीं होने देंगे। किसी भी कीमत पर देवभूमि का मूल स्वरूप बना रहे, उसके लिए जो भी काम करना होगा, करेंगे। इसलिए हमने अतिक्रमण, अवैध कब्जे सबको हटाया है और एक बड़ा अभियान चलाया। वह अभियान हमारा जारी रहेगा। देवभूमि का मूल स्वरूप बना रहेगा।

सवाल :- क्या कांग्रेस राज में भी उत्तराखंड में संसाधनों पर पहला हक मुस्लिमों को देने की कोशिशें हुई?

जवाब :- हां, निश्चित रूप से। कांग्रेस ने हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति की है। वोट बैंक की राजनीति की है। एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए हमेशा उन्होंने अपनी नीतियां बनाई हैं और एक बड़े वर्ग को उन्होंने उपेक्षित रखा है।

सवाल :- उत्तराखंड में यूसीसी के बाद से अब तक क्या बदलाव आए हैं?

जवाब :- यूसीसी आधी आबादी का पूरा कानून है, महिला सशक्तीकरण भी है, उनकी सुरक्षा भी है। उसमें हर वर्ग के उत्थान का एक बहुत बड़ा प्रावधान है। भारत का जब संविधान बन रहा था, उस संविधान में भी अनुच्छेद 44 में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और उनकी पूरी टीम ने इसका प्रावधान किया था और निश्चित रूप से यह समान नागरिक संहिता आज देश के लिए जरूरी हो गई है। भारतीय जनता पार्टी का जो संकल्प पत्र देश के समक्ष प्रस्तुत हुआ है, उसमें भी पूरे देश के अंदर इसे लागू करने का संकल्प लिया गया है।

सवाल :- क्या अब भी उत्तराखंड में मुस्लिम पर्सनल लॉ फॉलो हो रहा है?

जवाब :- अब तो उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होगा और वह एक्ट बन गया है। हमारा विधेयक पारित हो गया। राष्ट्रपति की उसमें हमको स्वीकृति मिल गई है। हम उसकी तैयारी कर रहे हैं।

सवाल :- क्या मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को खत्म करने का समय आ गया है?

जवाब :- अब उत्तराखंड में तो समान नागरिक संहिता से काम चलेगा। पूरे प्रदेश के अंदर सबके लिए एक समान कानून होगा, जो किसी भी वर्ग का होगा, किसी भी जाति का होगा, संप्रदाय का होगा। सबके लिए एक समान कानून।

सवाल :- क्या आपकी सरकार में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर सोचा जा रहा है, क्या कोई कमेटी बनाई जा रही है?

जवाब :- अभी हम समान नागरिक संहिता लाए हैं और उत्तराखंड की जनता ने हमको इसमें मैंडेट दिया। हमने अपना वादा पूरा किया। निकट भविष्य में जो उत्तराखंड राज्य के हित में होगा, उसको भी आगे बढ़ाएंगे।

सवाल :- बीजेपी के संकल्प पत्र की तैयारी के वक्त जनता से भी सुझाव मांगे गए थे, जिसमें जनसंख्या नियंत्रण कानून का भी एक सुझाव आया था, ऐसा बताया जा रहा है। इस पर आपकी क्या राय है। असम और यूपी ने भी इस पर पहल की है?

जवाब :- मैंने पहले कहा कि उत्तराखंड राज्य के हित में जो भी जरूरी होगा, उस पर हम आगे बढ़ेंगे।

सवाल :- लोकसभा चुनाव में बीजेपी इस मुद्दे को मतदाता तक कैसे ले जा रही है?

जवाब :- हमारी पार्टी का जो संकल्प पत्र आया है, उसमें यूसीसी को पूरे देश में लागू करने की बात की गई है और उत्तराखंड में जो भारतीय जनता पार्टी का विधानसभा चुनाव 2022 का संकल्प में वादा था, वह पूरा हुआ। इसलिए, देश की जनता के सामने संकल्प पत्र प्रस्तुत है तो देश के अंदर भी इस दिशा में आगे बढ़ेंगे।

सवाल :- समान नागरिक संहिता लागू होने का सर्वाधिक लाभ अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को होगा, कई कुरीतियों पर भी रोक लगेगी। तो, चुनाव में क्या रुझान है, बीजेपी को इसका कुछ फायदा आपको मिलता दिख रहा है?

जवाब :- हमारी पार्टी का देश आजादी के बाद से लेकर लगातार यह संकल्प रहा है और देश की जनता भी चाहती है, मुस्लिम बहनें भी चाहती हैं और उन्होंने धन्यवाद भी किया। उन्होंने बार-बार कहीं न कहीं इस बात पर खुशी जाहिर की है कि उनकी अस्मिता के लिए उनके क्रूर धार्मिक कृत्यों से बचने के लिए, उनके आत्मबल को मजबूत करने के लिए, उनके सशक्तीकरण के लिए यह जो समान नागरिक संहिता है, वास्तव में सबके लिए वरदान साबित होने वाली है। उत्तराखंड से निकली हुई गंगोत्री संपूर्ण देश के लिए काम आएगी।

सवाल :- राज्य की जनजातियों को इस कानून से बाहर रखने की कोशिश की गई। कोई विशेष मंतव्य रहा है?

जवाब :- भारत के संविधान में उन जनजातियों के लिए विशेष प्रिविलेज दिए गए हैं और उसी के आधार पर निर्णय लिया गया जो भारत का संविधान कहता है।

सवाल :- इसे मुस्लिम समाज विरोधी कानून के रूप में भी प्रचारित किया जा रहा है। कुछ कह रहे हैं कि यह धार्मिक स्वतंत्रता में बाधक बन सकता है?

जवाब :- देखिए, एक देश के अंदर एक कानून होना चाहिए, यह तो हमेशा से लोगों की मांग रही है। यह बात वो लोग कह रहे हैं जिन्होंने देश के अंदर वोट बैंक की राजनीति की है। जिन्होंने तुष्टीकरण की राजनीति की है। वर्ग विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए उन्होंने हमेशा एक बहुसंख्यक समाज को उपेक्षित करने का काम किया है। उनके हितों पर कुठाराघात करने का काम किया। आज उनको अपनी जमीन खिसकती हुई दिखाई दे रही है तो इस प्रकार का संदेह पैदा करना चाहते हैं। यह किसी के खिलाफ नहीं है।

सवाल :- सरकार ने साल 2025 तक उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इसमें समान नागरिक संहिता की भी भूमिका है?

जवाब :- समान नागरिक संहिता, प्रदेश के अंदर नकल विरोधी कानून जो हम लाए, धर्मांतरण का कानून, दंगा रोधी कानून, अतिक्रमण हटाओ अभियान, इसके साथ-साथ ग्लोबल इन्वेस्टर समिट है। राज्य के अंदर 30 से अधिक नीतियां हमने बनाई है। इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हम काम कर रहे हैं। हमने उत्तराखंड इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बोर्ड बनाया। पूरे प्रदेश के अंदर आज चारधाम का विकास हो रहा है। रेलवे के क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है। इसके साथ-साथ हवाई सेवाओं के क्षेत्र में काम हो रहा है। रोड कनेक्टिविटी बढ़ रही है। रोपवे का नेटवर्क तेजी से बनाया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से काम हो रहा है। आज केंद्र के सहयोग से लगातार राज्य के अंदर अनेक योजनाओं पर काम हो रहा है और हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा है। 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। उस दशक को बनाने के लिए हम लोग काम कर रहे हैं। उनके विजन को धरातल पर उतार रहे हैं।

सवाल :- पर्यटन को लेकर आपकी सरकार ने किस-किस तरह के कदम उठाए और आगे हम क्या देख सकते हैं?

जवाब :- देखिए, पर्यटन हमारे राज्य का एक बहुत बड़ा आधार है, जहां चारधाम यात्रा में 56 लाख लोगों ने पिछले वर्ष दर्शन किए। आदि कैलाश की यात्रा भी प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के बाद यहां तेजी से लोगों का आवागमन बढ़ा है और मानस खंड की यात्रा भी चारधाम यात्रा की तरह चलेगी तो पूरे प्रदेश के अंदर आवागमन बहुत बड़ा होने वाला है। उनकी सुविधाएं अच्छी हो, उनकी यात्रा अच्छी हो, सुरक्षित हो। आगे चलकर चूंकि यात्रा हर वर्ष बढ़ रही है, अवस्थापना स्ट्रक्चर संरचनाएं अच्छी हो, उसको हम चुनौती के रूप में ले रहे हैं और काम कर रहे हैं। उसमें पार्किंग भी है, आवास है, परिवहन है, अन्य सुविधाएं हैं, कानून व्यवस्थाएं हैं, सभी देख रहे हैं।

सवाल :- फिल्म इंडस्ट्री का भी रुझान उत्तराखंड की तरफ हो रहा है। कुछ फिल्मों की शूटिंग भी राज्य में हो रही है तो यह एकदम से बदलाव कैसे?

जवाब :- उत्तराखंड में अच्छा पर्यावरण है, अच्छी आबोहवा, अच्छा परिवेश, जंगलों से, नदियों से, पर्वतों से और देवों से आच्छादित है तो जिधर देखो उधर कोई न कोई डेस्टिनेशन दिखाई देता है। दिल्ली के नजदीक है, एनसीआर के नजदीक है, हवाई कनेक्टिविटी है, रेल कनेक्टिविटी है, सड़क कनेक्टिविटी अच्छी है, कानून-व्यवस्था अच्छी है तो लोगों ने देखा और यहां बड़ी संख्या में आ रहे हैं। 200 से भी ज्यादा फिल्में गत वर्ष वहां पर बनी है और आगे भी बन रही है। हम सबको सुविधाएं भी दे रहे हैं। हमने सब्सिडी का भी प्रावधान किया है। अन्य प्रावधान भी हम कर रहे हैं।

सवाल :- कुमाऊं और गढ़वाल रीजन में परिस्थितियां अलग-अलग क्यों हैं, इन दोनों के बीच आप कैसे इसको बैलेंस कर रहे हैं?

जवाब :- हमारे यहां भौगोलिक परिस्थितियां बड़ी भिन्न प्रकार की है। हमारे यहां कुमाऊं, गढ़वाल का अधिकतर क्षेत्र पर्वतीय क्षेत्र है। कहीं पहाड़ है, कहीं तराई है, कहीं भावर है और कहीं पूरा मैदान है तो यह भिन्न-भिन्न भौगोलिक परिस्थितियों का हमारा राज्य है। हम पूरे राज्य के अंदर जब भी काम करते हैं तो दोनों क्षेत्रों के लिए करते हैं। यह हम लोगों के पूरी तरह से सेटअप में है कि वहां की विकास योजनाएं हैं या वहां के रोजगार से संबंधित अन्य सुविधाओं से संबंधित हो। उसी के आधार पर योजनाएं बन रही हैं।

सवाल :- उत्तराखंड में कई इलाकों में रोहिंग्याओं की भी उपस्थिति की बात हो रही है, उसे आप कैसे रोकेंगे?

जवाब :- हम वेरिफिकेशन करा रहे हैं? और, धर्मांतरण जैसे जो कानून हम बना रहे हैं, उसके पीछे हमारा यही मकसद है कि जो इस प्रकार की चीजें हैं, जो डेमोग्राफी को चेंज कर सकती है, उत्तराखंड के मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ कर सकती है, उस पर हम कठोरता से काम करेंगे, सख्ती से काम करेंगे।

सवाल :- प्रधानमंत्री मोदी के साथ आप लंबे समय से काम कर रहे हैं, उत्तराखंड को लेकर उनका विचार क्या है?

जवाब :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हृदय में उत्तराखंड बसता है, यह सब लोग जानते हैं। उत्तराखंड से उनका बहुत पुराना रिश्ता है। उनका यहां से धर्म, मर्म और कर्म का रिश्ता है। इस नाते पूरे उत्तराखंड को प्रधानमंत्री इतना जानते हैं। शायद ही आज तक कोई राजनेता हो जो इस स्तर पर पहुंचे। पीएम मोदी आज दुनिया के सबसे बड़े नेता हैं, दुनिया के अंदर सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। पूर्व से लेकर पश्चिम, उत्तर से लेकर दक्षिण, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक आज पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने का काम कर रहे हैं। लेकिन उसके बावजूद भी मैं कह सकता हूं कि उत्तराखंड के अंदर पिछले 10 सालों में जो उनके कालखंड में काम हुआ है या डबल इंजन की सरकार ने काम किया है, वह अपने आप में अभूतपूर्व है। हर क्षेत्र में चाहे सड़कों की बात करें तो चारधाम ऑल वेदर रोड हो, भारत माला सड़क परियोजना हो या पर्वत माला योजना में रोपवे लगाने की बात हो, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन की बात हो या टनकपुर से बागेश्वर रेल लाइन के फाइनल सर्वे का काम हो, इन सब पर तेजी से काम हो रहा है। चाहे आदि कैलाश का दर्शन हो या आपने कहा कि माणा गांव जिसको भारत का अंतिम गांव कहते थे और प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड से उसको माणा समेत भारत के सभी ऐसे गांवों को पहले गांव की संज्ञा दी और उनको प्राथमिकता से पहला गांव कहकर संबोधित करने के बाद विकास में भी पहले गांव के रूप में उनको पहले विकास में ले जाने का भी वहीं से काम शुरू हुआ है। केदारनाथ, बद्रीनाथ का पुनर्निर्माण का काम हो, हेमकुंड साहिब, केदारनाथ रोपवे का काम हो आदि कैलाश पर आज गुंजी का मास्टर प्लान बनना हो तो ऐसे अनेकों काम जो कोई सोचता भी नहीं था वह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में संपन्न हो रहे हैं और धरातल पर उतर रहे हैं।

सवाल :- दो बार लोकसभा की पांचों सीटें उत्तराखंड की भाजपा जीत चुकी है और अब एक बार फिर जीत का दावा किया जा रहा है, क्या आकलन है इस बारे में?

जवाब :- इस बार फिर से पांच सीटें आएंगी। इसमें कोई संदेह नहीं है और बड़े अंतर से आएंगी। कुछ लोग कह रहे हैं कि अंतर कम होगा क्योंकि मतदान कम हुआ है। नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने वाले लोगों ने खूब जमकर मतदान किया है, जो कांग्रेस समर्थित थे अन्य विरोधी पार्टियां थी, उनके जो मतदान करने वाले लोग थे, वह अनुपस्थित रहे हैं। इसलिए ऐसा लग रहा है। इसलिए हार जीत का अंतर कम नहीं होने वाला, यह बढ़ने वाला है।

सवाल :- पीएम मोदी ने 400 पार की बात कही है। आपको क्या लगता है कि क्या यह होगा?

जवाब :- देखिए 400 पार निश्चित रूप से होगा, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी जो भी कहते हैं, उसे जनता भलीभांति दिल में लेती है, दिमाग में लेती है और उसके अनुसार आगे बढ़ती है। पिछली बार 300 पार कहा था तो 300 पार हुआ था और जिस प्रकार से एक-एक क्षण प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लिए लगाया। देश को आगे बढ़ाने के लिए लगाया, गरीबों के कल्याण के लिए लगाया। देश की जो विरासत है, उस विरासत को आगे बढ़ाते हुए विकास को आगे बढ़ाया। यहां का सांस्कृतिक पुनरुत्थान हुआ है। देश का मान-सम्मान, स्वाभिमान पूरी दुनिया के अंदर बढ़ा है तो निश्चित रूप से देश की जनता 400 पार के नारे में अपना सहयोग करेगी, अपना आशीर्वाद देगी और पीएम मोदी की जो तपस्या है, उसका फल भी देगी।

सवाल :- कांग्रेस-इंडिया गठबंधन को आप कैसे देखते हैं, कहीं दोनों में टक्कर आपको नजर आ रहा है क्या?

जवाब :- यह गठबंधन केवल और केवल अपने परिवारों को बचाने का गठबंधन है, भ्रष्टाचार को छुपाने का गठबंधन है, भ्रष्टाचारियों को बचाने का गठबंधन है, अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने का गठबंधन है और यह सरकार बनाने का गठबंधन नहीं है। यह तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति से अपने अस्तित्व को बचाने का बेमेल गठबंधन है। यह भानुमति का कुनबा है, 'कहीं का ईंट, कहीं का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा' जैसी कहावत है। उसी प्रकार का गठबंधन है और यह गठबंधन पीएम मोदी के साथ जो जनता का गठबंधन है, उसके सामने कहीं टिकता नहीं है।

सवाल :- कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि दलबदल पर सख्त कानून बनाएंगे ताकि जब भी कोई सरकार बना दे तो सरकार गिराने की साजिशें रोकी जा सके। इस पर आपका क्या कहना है?

जवाब :- देखिए, आज कांग्रेस को लोकतंत्र की याद आ रही है। कांग्रेस के राजकुमार लोकतंत्र की दुहाई देते हैं। लोकतंत्र बचाने की बात करते हैं। उनको याद करना चाहिए कि देश के अंदर आपातकाल थोपने का काम, लोकतंत्र को समाप्त करने का काम। लोगों पर अत्याचार, अनाचार सब प्रकार से अन्याय करने का काम उनकी दादी ने किया था। जब देश में आपातकाल थोपा था। आज उनको लोकतंत्र की याद आती है। कांग्रेस कहती है कि इतनी सरकारें गिरा दी, कांग्रेस की सरकारों में रिकॉर्ड है, सरकारों को गिराने का, सरकारों को बर्खास्त करने का, आज जब सब काम कानून के अनुसार हो रहा है, विधि के अनुरूप हो रहा है तो तमाम प्रकार की बातें कह रहे हैं। कभी एजेंसियों पर निशाना साधते हैं, कभी भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए लोकतंत्र की दुहाई देते हैं। देश की जनता भलीभांति समझ रही है कि मोदी भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए काम कर रहे हैं और यह लोग पीएम मोदी को रोकना चाहते हैं। देशद्रोही शक्तियों के साथ इनका हाथ मिला हुआ है। कहीं न कहीं आज ऐसी शक्तियां जो इनको स्पॉन्सर कर रही हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से अन्य माध्यमों से, तमाम तरीके से लोगों को बरगलाने का काम कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर कहीं यह लोग नहीं है। कहीं कोई मुकाबला भी नहीं है और बहुत ऐतिहासिक वोटों से पीएम मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं।

--आईएएनएस

जीकेटी/

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