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कर्नाटक के प्रगतिशील लेखकों को धमकी भरे पत्र एक स्कूल ड्रॉपआउट ने लिखे थे

प्रकाशित 02/10/2023, 12:26 am
कर्नाटक के प्रगतिशील लेखकों को धमकी भरे पत्र एक स्कूल ड्रॉपआउट ने लिखे थे

बेंगलुरु, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक में प्रगतिशील लेखकों और अभिनेताओं को जान से मारने की धमकी देने वाले पत्रों के मामले की जांच से पता चला है कि आरोपी शिवाजी राव जाधव ने केवल आठवीं तक पढ़ाई की थी। उसके बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी थी। पूछताछ में उसने ऐसे 100 पत्र लिखने की बात कबूल की है, जिसके संबंध में पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।जांच से यह भी पता चला कि आरोपी हिंदू जागरण वेदिके का सह-संयोजक था। उसने कर्नाटक के तीन मंत्रियों, एक धार्मिक संत और प्रगतिशील लेखकों के एक समूह को धमकी भरा पत्र लिखा था।

दावणगेरे सिटी जिले में ईडब्ल्यूएस कॉलोनी के निवासी शिवाजी राव जाधव को शनिवार को 15 से अधिक प्रगतिशील कन्नड़ लेखकों और विचारकों को धमकी भरे पत्र भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसे सिटी सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था।

पुलिस को संदेह है कि आरोपी का ब्रेनवॉश किया गया है और लोगों के एक समूह उसके पीछे है। उसके संबंधों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। आरोपी पुलिस को चकमा देने के लिए अलग-अलग जिलों में जाकर जान से मारने की धमकी वाले पत्र पोस्ट करता था। वह केवल पत्र पोस्ट करने के लिए शिवमोग्गा, चित्रदुर्ग, हावेरी और अन्य जिलों में गया था।

आरोपी पिछले दो वर्षों से धमकी भरे पत्र लिख रहा था, जिससे लक्षित लेखकों को कई बार मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से मिलने और त्वरित कार्रवाई की मांग करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

पत्रों में जाधव ने पीड़ितों को हिंदुत्‍व के खिलाफ जाने पर लोगों को अपने बचे दिनों की गिनती शुरू करने की धमकी दी। उसने जिन्‍हें पत्र लिखा है उनमें के. वीरभद्रप्पा, बी.एल. वेणु, बंजगेरे जयप्रकाश, बी.टी. ललिता नाइक, वसुंधरा भूपति आदि शामिल हैं।

मामला स्पेशल विंग सीसीबी को सौंप दिया गया और फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) के विशेषज्ञों ने पाया कि सभी पत्र एक ही व्यक्ति द्वारा लिखे गए थे, लेकिन विभिन्न जिलों और तालुकों से पोस्ट किए गए थे।

धमकियों को देखते हुये राज्य के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने पुलिस को लेखकों को उचित सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया।

अपना अपराध कबूल करते हुए, जाधव ने दावा किया कि उन्होंने लेखकों और विचारकों को उनके हिंदू विरोधी रुख के कारण धमकी दी थी।

पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया जहां से उसे पूछताछ के लिए 10 दिन की हिरासत में भेज दिया गया। कर्नाटक में पत्रकार गौरी लंकेश और कार्यकर्ता-लेखक प्रोफेसर एम.एम. कलबुर्गी की हत्या के बाद इस घटनाक्रम को गंभीरता से लिया गया।

आरोपी ने स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव, आरडीपीआर, आईटी और बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे और पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जारकीहोली को जान से मारने की धमकी देने वाला पत्र लिखने की बात कबूल की है। जान से मारने की धमकी वाला पत्र निजगुणानंद स्वामीजी द्वारा संचालित निश्कला मंटपा आश्रम के पते पर पोस्ट किया गया था।

पत्र में प्रगतिशील विचारकों एस.जी. सिद्दारमैया, के. मारुलासिद्दप्पा, बारागुरु रामचंद्रप्पा, भास्कर प्रसाद, प्रो. भगवान, प्रो. महेश चंद्र गुरु, बी.टी. ललिता नायक, द्वारकानाथ, देवानुरु महादेव, बी.एल. वेणु, अभिनेता और कार्यकर्ता प्रकाश राज और चेतन अहिंसा के नामों का भी उल्लेख है।

यह पत्र बेलगावी जिले के बैलाहोंगला स्थित आश्रम को 20 सितंबर को मिला था। पत्र में उल्लेख किया गया है कि जिन लोगों का नाम लिया गया है, उनमें सांप्रदायिक मुसलमानों द्वारा किए जा रहे कृत्यों के बारे में बोलने का साहस है। पत्र में उनसे यह भी पूछा गया कि क्या वे राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाएंगे।

पत्र में प्रगतिशील धार्मिक द्रष्टा निजागुणानंद स्वामीजी का भी उल्लेख करते हुए कहा गया है कि उन्हें पत्र को डेथ वारंट मानना चाहिए।

पत्र में कहा गया, “मृत्यु तुम्‍हारे अपने कार्यक्रम के अनुसार तुम्‍हारे पास आएगी। मैं मजाक नहीं कर रहा। तुम मनुष्य के रूप में राक्षस हो। तुम एक राक्षस हो जो हिंदू देवी-देवताओं को गाली देता है। तुम अपने जीवन के अंतिम चरण में हो। तुम्हें खत्म करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।''

स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ''आरोपी शिवाजी राव जाधव ने मुझे, मेरे दो कैबिनेट सहयोगियों, एक धार्मिक संत और लेखकों को एक पत्र के माध्यम से धमकी दी थी। पुलिस ने जान से मारने की धमकी देने के आरोप में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। ये ताकतें सच्चाई के लिए हमारी आवाज को नहीं रोक सकतीं।''

--आईएएनएस

एकेजे

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