न्यूयॉर्क, 11 नवंबर (आईएएनएस)। न्यूयॉर्क में शुक्रवार को कोको की कीमतें 4,000 डॉलर प्रति टन से ऊपर पहुंच गईं हैं, जो 1978 के बाद सबसे अधिक है। बताया जा रहा है कि पश्चिम अफ्रीका में खराब फसल की वजह से इस सप्ताह कीमतों में तेजी आई है। जीरो हेज की रिपोर्ट के अनुसार, यह जोखिम भी बढ़ रहा है कि अल नीनो-प्रेरित मौसम की गड़बड़ी के कारण दुनिया का कोको बाजार तीसरे वर्ष घाटे में डूब सकता है।
ब्लूमबर्ग के अनुसार, दुनिया के सबसे बड़े कोको उत्पादकों में से कुछ आइवरी कोस्ट और घाना में फसल की पैदावार कम हो रही है, जिससे आपूर्ति कम हो गई है, इसलिए उच्च कीमतों का समर्थन किया जा रहा है।
जीरो हेज की रिपोर्ट के अनुसार, एडीएम इन्वेस्टर सर्विसेज इंक के विश्लेषकों ने एक नोट में कहा, "बाजार इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि 2023/24 के लिए आपूर्ति घाटे से बचने के लिए उत्पादन में पर्याप्त सुधार होगा।"
न्यूयॉर्क में कोको वायदा 1 प्रतिशत बढ़कर 45 वर्षों में पहली बार 4,000 डॉलर प्रति टन से ऊपर पहुंच गया है।
इस सप्ताह की शुरुआत में ओरियो-मेकर मोंडेलेज़ इंटरनेशनल ने कहा कि कोको और चीनी की बढ़ती कीमतों के कारण उसे अपने कुछ उत्पादों की कीमतें बढ़ानी होंगी।
जीरो हेज की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच अप्रैल में ग्लोबल कमी की आशंका के कारण चीनी की कीमतें एक दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। और इन्वेंट्री के 24 साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद अरेबिका कॉफी की कीमतें बढ़ने वाली हैं।
--आईएएनएस
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