मुंबई, 30 मई (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस साल औसत से ज्यादा मानसूनी बारिश और आपूर्ति श्रृंखला की बाधा दूर होने से वित्त वर्ष 2024-25 में औसत खुदरा महंगाई 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। आरबीआई ने गुरुवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा, "वित्त वर्ष 2023-24 में ओवरऑल महंगाई दर 1.3 प्रतिशत कम होकर 5.4 प्रतिशत पर आ गई। आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव कम होने, कोर (गैर खाद्य-गैर ऊर्जा) मुद्रास्फीति में वृहद आधार पर नरमी और सामान्य से ज्यादा मानसूनी बारिश 2024-25 में मुद्रास्फीति के परिदृश्य के लिए अच्छे संकेत हैं।"
रिपोर्ट में हालांकि यह भी कहा गया है कि जलवायु संबंधी संकट खाद्य मुद्रास्फीति और ओवरऑल खुदरा महंगाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। जलाशयों में निम्न जलस्तर, खासकर दक्षिणी राज्यों में, और 2024-25 के शुरुआती महीनों में सामान्य से ज्यादा तापमान पर नजदीकी नजर रखने की जरूरत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, जारी भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल के कारण मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका है। इन कारकों को ध्यान में रखते हुए "वित्त वर्ष 2024-25 में खुदरा महंगाई के 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है"।
आरबीआई ने मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के लिए मौजूदा मौद्रिक रुख बनाये रखने की जरूरत पर बल दिया है।
आरबीआई को खुदरा महंगाई को दीर्घावधि में चार प्रतिशत के आसपास और आम तौर पर दो प्रतिशत से छह प्रतिशत के बीच रखने की जिम्मेदारी दी गई है।
--आईएएनएस
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