गांधीनगर, 15 जून (आईएएनएस)। गुजरात में ईंधन की आपूर्ति कम होने से कई पेट्रोल पंप सूख रहे हैं। लोगों को अपने वाहन का टैंक भरने के लिए एक पेट्रोल पंप से दूसरे पेट्रोल पंप पर जाना पड़ता है। हालांकि, राज्य सरकार को भरोसा है कि वह एक या दो दिन में संकट का समाधान कर लेगी।अरावली, गिर सोमनाथ, वलसाड या यहां तक कि अहमदाबाद और वडोदरा जैसे बड़े शहरों सहित राज्यभर में ईंधन की कमी होने की सूचना मिली है। कुछ पेट्रोल पंपों को नियमित आपूर्ति नहीं मिल रही है।
गिर सोमनाथ के एक पेट्रोल पंप मालिक ने कहा कि उनका पेट्रोल पंप सूख रहा है। उन्होंने सात-आठ दिन पहले ऑर्डर दिया था, लेकिन पांच दिन बाद आपूर्ति की गई। उन्हें नहीं पता कि नई आपूर्ति कब की जाएगी।
नागरिक आपूर्ति मंत्री नरेश पटेल ने कहा कि न्यारा और रिलायंस (NS:RELI) जैसी रिफाइनरियों में कुछ समस्या है। इसलिए कुछ पंपों में ईंधन की कमी है। मैंने कहा है कि आईओसी पेट्रोल पंपों को कोई समस्या नहीं हो रही है, क्योंकि उन्हें नियमित आपूर्ति मिल रही है।
जो पेट्रोल पंप सूख रहे हैं, वे एचपीसीएल, बीपीएल और यहां तक कि न्यारा के भी हैं, क्योंकि गुजरात के ये पेट्रोल पंप जामनगर में न्यारा और रिलायंस रिफाइनरियों से आपूर्ति पर निर्भर हैं। दूसरा कारण यह हो सकता है कि लोग न्यारा पेट्रोल पंपों से पेट्रोल या डीजल खरीदना पसंद नहीं करते, क्योंकि वे सार्वजनिक क्षेत्र के पंपों से ज्यादा महंगे हैं।
फेडरेशन ऑफ गुजरात पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (एफजीपीडीए) के अध्यक्ष अरविंद ठक्कर ने कहा कि पेट्रोल से ज्यादा डीजल की कमी है। उन्होंने कहा, राज्य की मासिक डीजल खपत 55 करोड़ लीटर है। भारत पेट्रोलियम (NS:BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम से कम डीजल आपूर्ति की जा रही है।
उन्होंने कहा, कंपनियां कम आपूर्ति का कारण नहीं बता रही हैं, लेकिन एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पाद अधिक महंगे बिक रहे हैं और घरेलू दरें कम हैं, इसलिए घाटे को नियंत्रित करने के लिए रिफाइनरियां अंतर्राष्ट्रीय बाजार से कम स्टॉक उठा रही हैं, जिससे बाजार में ईंधन की कमी हो रही है।
लेकिन, आपूर्ति के अंतर को आईओसी द्वारा भरा जा रहा है, जो एक बड़ी कंपनी है। ठक्कर ने कहा कि यह न केवल अपने पेट्रोल पंपों, बल्कि अन्य कंपनियों की भी मांग पूरी करने की स्थिति में है।
मंत्री ने कहा, एक तरफ आपूर्ति कम है और दूसरी तरफ उपभोक्ता अपने टैंकों को फिर से भरने के लिए पड़ोसी राज्यों से गुजरात आ रहे हैं, क्योंकि गुजरात में दरें कम हैं।
उन्होंने दक्षिण गुजरात के एक पेट्रोल पंप का उदाहरण देते हुए कहा कि पेट्रोल पंप पर दिन में 40,000 लीटर ईंधन की बिक्री होती थी, लेकिन अब प्रतिदिन 60,000 लीटर की बिक्री हो रही है।
--आईएएनएस
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