नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के विमानन नियामक ने भारत में नॉन-शेड्यूल्ड यात्री उड़ानों के संचालन के लिए एयर ऑपरेटर परमिट (एओपी) के अनुदान के लिए न्यूनतम जरूरतों में संशोधन का प्रस्ताव दिया है।नॉन-शेड्यूल्ड यात्रियों को भारत में विधिवत पंजीकृत एकल या कई इंजन वाले हवाई जहाज, सीप्लेन और हेलीकॉप्टर का उपयोग करके ले जाया जा सकता है। इसमें ग्लाइडर, हॉट-एयर बैलून, एयरशिप और माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट भी शामिल हैं, जो भारत में विधिवत पंजीकृत हैं।
मसौदा प्रस्ताव में कहा गया है कि एओपी का अनुदान और निरंतरता गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी के अधीन है। किसी भी स्तर पर एमएचए द्वारा सुरक्षा मंजूरी को अस्वीकार करने या वापस लेने पर एओपी के लिए आवेदन को अस्वीकार कर दिया जाएगा और यदि एओपी पहले से ही जारी किया गया है, तो उसे वापस ले लिया जाएगा।
डीजीसीए ने कहा कि गृह मंत्रालय (एमएचए) सुरक्षा मंजूरी देने के लिए सक्षम प्राधिकारी है। सुरक्षा मंजूरी के अनुदान या नवीनीकरण के लिए अनुरोध नागरिक उड्डयन मंत्रालय को ईसहज पोर्टल के माध्यम से पेश किया जाएगा।
कंपनी और निदेशक मंडल के लिए सुरक्षा मंजूरी की वैधता एओपी की वैधता के साथ सह-टर्मिनस होगी और एओपी के नवीनीकरण के लिए एक नई सुरक्षा मंजूरी की जरूरत होगी।
इसके अलावा, नॉन-शेड्यूल्ड हवाई परिवहन सेवा शुरू करने के उद्देश्य से विमान के आयात/अधिग्रहण को समय-समय पर संशोधित हवाई परिवहन परिपत्र 02/2017 द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।
नॉन-शेड्यूल्ड संचालन के उद्देश्य से आयात किए गए विमान को भारत के भीतर एक पार्टी को निजी उद्देश्यों के लिए उपयोग करने के इरादे से नहीं निपटाया जाएगा, जब तक कि सीमा शुल्क प्राधिकरण से मंजूरी प्राप्त नहीं की जाती है।
आवेदक के पास कम से कम एक विमान या तो एकमुश्त खरीद के द्वारा या वाणिज्यिक शुष्क पट्टे के माध्यम से होना चाहिए। विमान भारत में पंजीकृत होना चाहिए और उसके लिए सामान्य यात्री श्रेणी में उड़ान की योग्यता का प्रमाणपत्र होना चाहिए।
यह भी कहा गया है कि विमान के आयात या अधिग्रहण के लिए आवेदक को डीजीसीए से अनुमति लेनी होगी।
--आईएएनएस
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