नई दिल्ली, 29 सितंबर (आईएएनएस)। सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) इस साल 2 अक्टूबर से अनुसूचित जातियों के बैकलॉग रिक्तियों को भरने के लिए एक विशेष अभियान अभियान शुरू करेंगे।राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष विजय सांपला ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के क्रेडिट और अनुसूचित जातियों के लिए अन्य कल्याणकारी योजनाओं के प्रदर्शन के बारे में समीक्षा बैठक आयोजित करने के एक दिन बाद अभियान के बारे में जानकारी दी।
एनसीएससी के अध्यक्ष और वित्तमंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित व्यक्तियों को ऋण देने और आरक्षण, बैकलॉग रिक्तियों, कल्याण के कामकाज और शिकायत निवारण तंत्र और अन्य मुद्दों के संदर्भ में उनके कल्याण के लिए किए गए विभिन्न उपायों की समीक्षा की थी।
विजय सांपला ने मीडिया को संबोधित करते हुए ने कहा, बैंक 2 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक बैकलॉग रिक्तियों को भरने के लिए अभियान चलाएंगे। साथ ही, बैंकों को इस अभियान के दौरान 31 अक्टूबर तक अनुसूचित जाति की लंबित शिकायतों को दूर करने और पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा, केंद्र सरकार के स्टैंडअप इंडिया कार्यक्रम के अनुसार, बैंकों की शाखाएं उन्हें सौंपे गए लक्ष्यों, विशेष रूप से अनुसूचित जाति समुदाय के सदस्यों के प्रति दायित्वों को पूरा करेंगी। इसी तरह, बैंकों को केंद्र सरकार की एनआरएलएम, एनयूएलएम जैसी अन्य योजनाओं- मुद्रा, स्वाभिमान और योजना के संबंध में अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के लिए निर्धारित प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य तय करना चाहिए।
बैंक सभी योजनाओं में अनुसूचित जाति के लाभार्थियों की भर्ती और कवरेज के संबंध में आरक्षण नीति पर एक रिपोर्ट भेजेंगे, और हर साल दो बार एनसीएससी को सभी योजनाओं की प्रगति प्रस्तुत करेंगे। साथ ही, बैंकों से कहा गया है कि वे हर साल 14 से 30 अप्रैल (डॉ. बी.आर. अंबेडकर जन्मदिन पखवाड़ा) की अवधि के दौरान एनसीएससी के सामने फिजिकल प्रेजेंटेशन दें और प्रत्येक वर्ष अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में एक रिपोर्ट भेजें।
--आईएएनएस
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