नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा- भारतीय रिजर्व बैंक के लोकपाल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपभोक्ता शिकायतों का त्वरित और निष्पक्ष तरीके से समाधान किया जाए। जोधपुर में आरबीआई लोकपाल के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आरबीआई लोकपाल और विनियमित संस्थाओं (आरई) को ग्राहकों की लगातार शिकायतों के मूल कारणों की पहचान करनी चाहिए और उन्हें ठीक करने के लिए आवश्यक प्रणालीगत उपाय करने चाहिए।
केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि आरबीआई की कोशिश के बावजूद वह ग्राहकों की बढ़ती शिकायतों के बारे में चिंतित हैं। कुछ विशिष्ट क्षेत्रों ने सबसे अधिक शिकायतें दर्ज की हैं, जिनमें गलत बिक्री, आय से अधिक सेवा शुल्क और बहुत अधिक दंड दर शामिल हैं। दास ने मीडिया रिपोटरें का हवाला देते हुए वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली डराने-धमकाने की रणनीति का मामला भी उठाया।
उन्होंने फिशिंग, विशिंग, नकली लिंक, वेबसाइटों और रिमोट-एक्सेस ऐप जैसी अवांछनीय संस्थाओं द्वारा उपयोग किए जा रहे भुगतान धोखाधड़ी के विभिन्न तरीकों पर भी चिंता व्यक्त की। दास ने कहा, चिंता की बात यह है कि अभी भी बड़ी संख्या में पारंपरिक बैंकिंग से संबंधित शिकायतें हैं। यह विनियमित संस्थाओं में ग्राहक सेवा और शिकायत निवारण तंत्र के कामकाज की गंभीर समीक्षा की मांग करता है।
दास ने जोर देकर कहा कि ऐसी शिकायतों के बने रहने के मूल कारण का विश्लेषण किया जाना चाहिए और सुधारात्मक उपाय किए जाने चाहिए। साथ ही, उन्होंने कहा कि लोकपाल कार्यालयों को अपने ²ष्टिकोण में संवेदनशील और विवेकपूर्ण होना चाहिए।
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