चेन्नई, 3 नवंबर (आईएएनएस)। डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड गोल्ड/एमएसएमई ऋण कारोबार बढ़ाने, मालिकाना क्रेडिट कार्ड लॉन्च करने पर जोर दे रहा है। यह बात बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही। उन्होंने यह भी कहा कि डीबीएस बैंक के साथ लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) का एकीकरण लगभग पूरा हो गया है। बैंक के कार्यकारी निदेशक भरत मणि ने कहा कि हम पांच साल में अपने स्वर्ण ऋण कारोबार को 15 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। वर्तमान में यह लगभग 4,500 करोड़ रुपये का है। इसके अलावा हम सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि डीबीएस बैंक इंडिया का लक्ष्य अपने खुदरा और उधार व्यवसाय को बड़े कॉरपोरेट्स से आने वाले कुल राजस्व का 40 प्रतिशत और उपभोक्ता और एसएमई बैंकिंग से 60 प्रतिशत का बनाने का है।
मणि ने कहा कि हम देश के उच्च नेटवर्थ वाले व्यक्तियों के लिए डीबीएस बैंक इंडिया के उत्पादों की पेशकश कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक के विलय के बाद डीबीएस बैंक इंडिया ने अपने नेटवर्क को युक्तिसंगत बनाया और वर्तमान में इसकी 19 राज्यों में लगभग 525 शाखाएं हैं।
मणि ने कहा कि विलय के बाद लगभग 200 कर्मचारियों ने बैंक से बाहर निकलने का विकल्प चुना।
उनके अनुसार एलवीबी कर्मचारियों का वेतन डीबीएस बैंक इंडिया के कर्मचारियों के वेतन के अनुरूप था। एलवीबी के कर्मचारियों को प्रौद्योगिकी और अन्य विषयों की जानकारी दी गई।
मणि ने कहा कि डीबीएस बैंक इंडिया कुछ और समय के लिए दक्षिणी भारत के कुछ हिस्सों में बोडरें पर एलवीबी का लोगो (हिंदू देवी लक्ष्मी की छवि) बनाए रखेगा।
उनके मुताबिक बैंक की योजना अगले साल अपना खुद का क्रेडिट कार्ड लॉन्च करने की है। वर्तमान में इसका क्रेडिट कार्ड बजाज फिनसर्व के साथ सह-ब्रांडेड है।
मणि ने कहा कि बैंक का तीन जीवन बीमा कंपनियों के साथ गठजोड़ है और गैर-जीवन क्षेत्र में गठजोड़ का विस्तार करने की योजना है।
--आईएएनएस
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