नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) क्षेत्रीय सीमा शुल्क प्रवर्तन बैठक (आरसीईएम) आयोजित करने जा रहा है। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) प्रवर्तन संबंधी मुद्दों के लिए सहयोगी सीमा शुल्क संगठनों, विश्व सीमा शुल्क संगठन, इंटरपोल जैसी अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ जुड़ने के लिए तैयार है।इस वर्ष विश्व सीमा शुल्क संगठन (डब्ल्यूूसीओ), इंटरपोल, ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओडीसी) और क्षेत्रीय खुफिया संपर्क कार्यालय - एशिया प्रशांत (आरआईएलओएपी) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ-साथ एशिया-प्रशांत क्षेत्र को कवर करने वाले 22 सीमा शुल्क प्रशासनों को आमंत्रित किया गया है।
डीआरआई 5-6 दिसंबर को अपना 65वां स्थापना दिवस मनाएगा। केंद्रीय वित्त और कॉपोर्रेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के साथ दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगी।
डीआरआई भारत सरकार के अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के तत्वावधान में तस्करी विरोधी मामलों पर प्रमुख खुफिया और प्रवर्तन एजेंसी है। यह 4 दिसंबर, 1957 को अस्तित्व में आया। डीआरआई का मुख्यालय नई दिल्ली में है, जिसमें 12 क्षेत्रीय इकाइयां, 35 क्षेत्रीय इकाइयां और 15 उप-क्षेत्रीय इकाइयां हैं, जिनमें लगभग 800 अधिकारियों की कार्य क्षमता है।
अधिकारियों ने कहा कि इस अवसर पर केंद्रीय वित्त एवं कॉपोर्रेट मामलों के मंत्री द्वारा स्मगलिंग इन इंडिया रिपोर्ट 2021-22 का वर्तमान संस्करण जारी किया जाएगा। यह रिपोर्ट तस्करी विरोधी और वाणिज्यिक धोखाधड़ी के क्षेत्र में रुझानों और पिछले वित्तीय वर्ष में डीआरआई के प्रदर्शन और अनुभव को एक साथ लाती है।
छह दशकों से अधिक समय से डीआरआई भारत और विदेशों में अपनी उपस्थिति के साथ मादक पदार्थों और मन:प्रभावी पदार्थों, सोना, हीरे, कीमती धातुओं, वन्यजीव वस्तुओं, सिगरेट, हथियारों, गोला-बारूद और तस्करी के मामलों को रोकने और उनका पता लगाने के अपने जनादेश को पूरा कर रहा है। विस्फोटक, नकली मुद्रा नोट, विदेशी मुद्रा, खतरनाक और पर्यावरण की ²ष्टि से संवेदनशील सामग्री, प्राचीन वस्तुएं आदि, और उनमें लगे संगठित अपराध समूहों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करना। डीआरआई वाणिज्यिक धोखाधड़ी और सीमा शुल्क चोरी का पता लगाने में भी लगा हुआ है।
डीआरआई विभिन्न देशों के साथ हस्ताक्षरित सीमा शुल्क पारस्परिक सहायता समझौतों के तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क सहयोग में भी सबसे आगे रहा है, जहां सूचना विनिमय और अन्य सीमा शुल्क प्रशासनों की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने पर जोर दिया जाता है।
--आईएएनएस
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