नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। बाजार से जुड़े डिबेंचर पर अब अल्पावधि पूंजीगत लाभ के रूप में कर लगाया जाएगा क्योंकि कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इसका इस्तेमाल कर चोरी के लिए किया जा रहा था।केंद्रीय बजट 2023-24 में वित्त विधेयक में लघु अवधि के पूंजीगत लाभ के रूप में बाजार से जुड़े डिबेंचर पर कर लगाने के लिए संशोधन किया गया है।
ट्रस्ट एएमसी के सीईओ संदीप बागला ने कहा- बजट का एक और सकारात्मक पहलू तथाकथित मार्केट लिंक्ड डिबेंचर (एमएलडी) को बड़ा झटका देना था, जो अल्पावधि पूंजीगत लाभ की दर से उत्पन्न पूंजीगत लाभ पर टैक्स लगाकर घोर कर चोरी के साधनों में बदल गया था।
वित्त विधेयक के अनुसार, मार्केट लिंक्ड डिबेंचर के मामले में पूंजीगत लाभ के कराधान के लिए एक विशेष प्रावधान पेश किया गया है। यह देखा गया है कि विभिन्न प्रकार की हाईब्रिड प्रतिभूतियां, जिनमें प्लेन वैनिला डेट सिक्योरिटीज और एक्सचेंज ट्रेडेड डेरिवेटिव्स की विशेषताएं शामिल हैं, निजी प्लेसमेंट के माध्यम से जारी की जा रही हैं और स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हैं।
ऐसी प्रतिभूतियां सादे वैनिला ऋण प्रतिभूतियों से भिन्न होती हैं। मार्केट लिंक्ड डिबेंचर सूचीबद्ध प्रतिभूतियां हैं। वर्तमान में उन पर इंडेक्सेशन के बिना 10 प्रतिशत की दर से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के रूप में कर लगाया जा रहा है। हालांकि, ये प्रतिभूतियां डेरिवेटिव की प्रकृति की हैं जिन पर सामान्य रूप से लागू दरों पर कर लगाया जाता है।
इसके अलावा, वे परिवर्तनशील ब्याज देते हैं क्योंकि वे बाजार के प्रदर्शन से जुड़े होते हैं। लागू दरों पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ के रूप में इन प्रतिभूतियों के हस्तांतरण या मोचन या परिपक्वता से उत्पन्न होने वाले पूंजीगत लाभ पर कर लगाने के लिए, अधिनियम में एक नई धारा 50एए सम्मिलित करने का प्रस्ताव है।
इसके अलावा, मार्केट लिंक्ड डिबेंचर को किसी भी नाम से जाने वाली सुरक्षा के रूप में परिभाषित करने का भी प्रस्ताव है, जिसमें ऋण सुरक्षा के रूप में एक अंतर्निहित प्रमुख घटक होता है और जहां रिटर्न अन्य अंतर्निहित प्रतिभूतियों या सूचकांकों पर बाजार रिटर्न से जुड़ा होता है और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा मार्केट लिंक्ड डिबेंचर के रूप में वगीर्कृत या विनियमित कोई भी प्रतिभूतियां शामिल हैं।
यह संशोधन अप्रैल, 2024 के पहले दिन से प्रभावी होगा और तदनुसार, निर्धारण वर्ष 2024-25 और बाद के निर्धारण वर्षों के संबंध में लागू होगा।
--आईएएनएस
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