लंदन, 1 मई (आईएएनएस)। अर्थव्यवस्था के कमजोर होने और कंपनियों द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी तकनीकों को अपनाने को बढ़ावा देने के कारण अगले पांच वर्षों में वैश्विक नौकरी बाजार को झटका लग सकता है। एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, यह खोज वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम से आई है, जिसने 800 से अधिक कंपनियों के सर्वेक्षणों के आधार पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है।
डब्ल्यूईएफ (जो हर साल दावोस, स्विट्जरलैंड में वैश्विक नेताओं की एक सभा की मेजबानी करता है) ने पाया कि नियोक्ताओं को 2027 तक 69 मिलियन नए रोजगार सृजित करने और 83 मिलियन पदों को समाप्त करने की उम्मीद है।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके परिणामस्वरूप 14 मिलियन नौकरियों का शुद्ध नुकसान होगा, जो वर्तमान रोजगार के 2 प्रतिशत के बराबर है।
उस अवधि के दौरान कई कारक श्रम बाजार में उथल-पुथल मचाएंगे। अक्षय ऊर्जा प्रणालियों में बदलाव रोजगार पैदा करने के लिए एक शक्तिशाली इंजन होगा, जबकि धीमी आर्थिक वृद्धि और उच्च मुद्रास्फीति से नुकसान होगा।
इस बीच, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को तैनात करने की हड़बड़ी सकारात्मक और नकारात्मक दोनों शक्तियों के रूप में काम करेगी।
एआई टूल्स को लागू करने और प्रबंधित करने में मदद के लिए कंपनियों को नए कर्मचारियों की आवश्यकता होगी।
डब्ल्यूएफ के अनुसार, डेटा विश्लेषकों और वैज्ञानिकों, मशीन लर्निग विशेषज्ञों और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का रोजगार 2027 तक औसतन 30 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।
इसी समय, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रसार कई भूमिकाओं को खतरे में डाल देगा, क्योंकि रोबोट कुछ मामलों में मनुष्यों की जगह लेते हैं।
डब्ल्यूईएफ ने भविष्यवाणी की है कि 2027 तक 26 मिलियन कम रिकॉर्ड-कीपिंग और प्रशासनिक नौकरियां हो सकती हैं।
सीएनएन ने बताया कि डाटा एंट्री क्लर्क और कार्यकारी सचिवों को सबसे ज्यादा नुकसान होने की उम्मीद है।
चैटजीपीटी जैसे उपकरणों को लेकर हाल की सनसनी के बावजूद, इस दशक के शुरुआती हिस्से में ऑटोमेशन धीरे-धीरे बढ़ा है।
डब्ल्यूईएफ द्वारा प्रदत्त संगठनों का अनुमान है कि वर्तमान में व्यवसाय से संबंधित सभी कार्यों का 34 प्रतिशत मशीनों द्वारा किया जाता है। यह 2020 के आंकड़े से सिर्फ एक बाल ऊपर है।
--आईएएनएस
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