नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि आरबीआई की सख्त टिप्पणी के बाद घरेलू शेयर बाजार सहम गए।हालांकि आरबीआई ने अपनी रेपो दर की यथास्थिति को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा, लेकिन इसने वित्तवर्ष 2014 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को संशोधित कर 5.4 प्रतिशत कर दिया और निकट अवधि में 10 प्रतिशत की वृद्धिशील सीआरआर लगा दी।
नतीजों का इंतजार करते हुए निफ्टी सावधानी से नीचे खुला और आरबीआई के बयान के बाद बिकवाली देखी गई। उन्होंने कहा कि आखिरकार यह 89 अंक (-0.5 फीसदी) की गिरावट के साथ 19543 के स्तर पर बंद हुआ।
यहां तक कि व्यापक बाजार भी घाटे में बंद हुआ और अधिकांश क्षेत्र लाल निशान में रहे। ज़ी द्वारा सोनी के साथ विलय पर एनसीएलटी के सकारात्मक फैसले के बाद मीडिया को सबसे अधिक लाभ हुआ।
मीडिया के अलावा धातु और तेल एवं गैस हरे निशान पर बंद होने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि बाजार अब अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों से संकेत लेंगे जो गुरुवार देर रात जारी किए जाएंगे, क्योंकि डेटा फेड के भविष्य के नीति निर्णय में अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि आरबीआई द्वारा सीपीआई पूर्वानुमान को 30 आधार अंक बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करने के बाद घरेलू बाजार में मुद्रास्फीति की चिंताएं फिर से उभर आई हैं, जिससे लंबी दर में कटौती की संभावना बढ़ गई है। इसके अलावा, वृद्धिशील सीआरआर के माध्यम से तरलता को नियंत्रित करने के आरबीआई के कदम ने बैंकिंग क्षेत्र की भावनाओं को प्रभावित किया, हालांकि प्रभाव सीमित होने का अनुमान है।
उन्होंने कहा, इस पृष्ठभूमि में निवेशक आज अमेरिकी मुद्रास्फीति प्रिंट और सोमवार को घरेलू मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर करीब से नजर रखेंगे।
--आईएएनएस
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