मुंबई - भारत के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड (SEBI) ने देश के सेकेंडरी मार्केट में कैश एंड इक्विटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट के लिए “ट्रेडिंग सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट” (TSBA) नामक एक नया ट्रेडिंग मैकेनिज्म पेश किया है। HDFC बैंक इस प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है, जो प्रायोजक और गंतव्य बैंक दोनों के रूप में कार्य करता है।
TSBA सिस्टम, जो 1 जनवरी, 2024 को लाइव हुआ, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) तकनीक का लाभ उठाता है, ताकि निवेशक अपने बचत खातों में फंड ब्लॉक कर सकें। इस अभिनव दृष्टिकोण का उद्देश्य मार्जिन और निपटान दायित्वों को पूरा करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है, जिससे बाजार सहभागियों के लिए समग्र ट्रेडिंग अनुभव में वृद्धि होती है।
UPI को एकीकृत करके, TSBA प्रणाली लेनदेन को सरल बनाती है, जिससे निवेशकों के लिए आवश्यक होने तक उन्हें अपने खातों से बाहर स्थानांतरित करने की आवश्यकता के बिना अपने फंड का प्रबंधन करना आसान हो जाता है।
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