नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत की खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर 3 महीने के निचले स्तर 5.02 प्रतिशत पर आ गई, जिससे उपभोक्ताओं को काफी राहत मिली।खाद्य मुद्रास्फीति, जो समग्र उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) का लगभग आधा हिस्सा है, सितंबर में घटकर 6.56 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त में 9.94 प्रतिशत थी। टमाटर और प्याज जैसी सब्जियों की कीमतों में भारी सुधार हुआ।
खाना पकाने के तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई और 14 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, दालें और मसाले अभी भी चिंता का विषय बने हुए हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि दालों में मुद्रास्फीति अभी भी 16.38 प्रतिशत पर थी, जबकि मसालों की कीमत में महीने के दौरान 23.06 प्रतिशत की वृद्धि हुई, अनाज की कीमत में 10.95 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
मुद्रास्फीति दर में गिरावट आरबीआई की उम्मीद के अनुरूप है, जिसने विकास दर को बनाए रखने के लिए 6 अक्टूबर को लगातार चौथी बैठक में अपनी प्रमुख ब्याज दर को अपरिवर्तित रखा था।
उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति अब आरबीआई के 2-6 प्रतिशत लक्ष्य सीमा के 4 प्रतिशत मध्यबिंदु के करीब है और वैश्विक अनिश्चितता के कारण गिरावट का जोखिम होने पर भी केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को आगे बनाए रखने में सक्षम होगा। कच्चे तेल की कीमतें मुद्रास्फीति को बढ़ा सकती हैं।
एलएंडटी फाइनेंशियल सर्विसेज के समूह मुख्य अर्थशास्त्री रूपा रेगे नित्सुरे के अनुसार, अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि इस साल अनियमित मानसून का प्रभाव बाज़ार पर बना रहेगा और इजरायल-हमास संघर्ष जैसे भू-राजनीतिक तनाव तेल को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
--आईएएनएस
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