तेल अवीव, 3 जनवरी (आईएएनएस)। ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने बुधवार को लेबनान में इजरायली हमले में मारे गए हमास के उप प्रमुख सालेह अल-अरौरी की मौत की निंदा की और इसे यहूदी राष्ट्र द्वारा कायरतापूर्ण कृत्य बताया।एक बयान में, मंत्री ने कहा कि मंगलवार को बेरूत में अल-अरौरी की हत्या एक कायरतापूर्ण आतंकवादी ऑपरेशन था।
"इससे साबित होता है कि अमेरिका के प्रत्यक्ष समर्थन के बावजूद गाजा और वेस्ट बैंक में हफ्तों तक चले युद्ध अपराधों, नरसंहार और विनाश के बाद यहूदी शासन ने अपने किसी भी लक्ष्य को हासिल नहीं किया है।''
इजरायल को आतंकवादी देश बताते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि यह देश क्षेत्रीय शांति और पड़ोसी देशों के लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है।
हमास के अनुसार, लेबनान की राजधानी के दक्षिणी उपनगर में आतंकवादी समूह के एक कार्यालय को निशाना बनाकर किए गए हमले में अल-अरौरी के कई सहयोगियों सहित उसके सात सदस्य मारे गए।
घटना पर इजरायल की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई, लेकिन इजरायली मीडिया ने वरिष्ठ अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि देश हमास या उसके ईरानी समर्थित सहयोगी हिजबुल्लाह द्वारा एक महत्वपूर्ण जवाबी कार्रवाई के खिलाफ हाई अलर्ट पर था, जिसमें इजरायली शहरों पर सटीक हथियारों का प्रक्षेपण भी शामिल था।
घटना के जवाब में, हमास ने भी इजरायल के साथ युद्धविराम वार्ता पर रोक लगाने की घोषणा की।
हाल के सप्ताहों में, इजरायली अधिकारियों ने फिलिस्तीनी क्षेत्रों और उससे परे, विशेष रूप से अल-अरौरी में हमास नेताओं की हत्या करने की धमकी दी थी, जिस पर इजरायल ने 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजरायल पर हमले के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होने का आरोप लगाया था।
57 वर्षीय अल-अरौरी को 2010 में हमास पोलित ब्यूरो सदस्य के रूप में चुना गया।
अल-अरौरी 2017 में हमास के शीर्ष नेतृत्व निकाय में नंबर 2 बन गया।
--आईएएनएस
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