नियामी, 27 जुलाई (आईएएनएस)। अफ्रीकी देश नीजर में सैनिकों ने राष्ट्रीय टीवी पर तख्तापलट की घोषणा कर दी है। इसमें कहा गया कि राष्ट्रपति गार्ड के प्रमुख के साथ बातचीत रुकने के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को उनकी पत्नी के साथ राजधानी नियामी में उनके आवास पर बंधक बना लिया गया है।समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम अफ्रीकी देश में राष्ट्रपति गार्ड के सैनिकों ने कथित तौर पर बुधवार को बज़ौम को उनके राष्ट्रपति महल में रोक दिया।
बुधवार को टीवी घोषणा में, कर्नल मेजर अमादौ अब्द्रमाने ने अपने पीछे नौ अन्य वर्दीधारी सैनिकों के साथ कहा: "हम, रक्षा और सुरक्षा बलों ने... उस शासन को समाप्त करने का फैसला किया है जिसे आप जानते हैं। यह सुरक्षा में लगातार गिरावट और खराब आर्थिक और सामाजिक शासन के चलते करना पड़ा है।"
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने संविधान को भंग कर दिया है, सभी संस्थानों को निलंबित कर दिया है और देश की सीमाओं को सील कर दिया है। साथ ही कहा कि मंत्रालयों के प्रमुख रोजाना के कामकाज देखेंगे।
कर्नल मेजर अब्द्रमाने ने कहा, "सभी साझेदारों से हस्तक्षेप न करने के लिए कहा गया है... स्थिति ठीक होने तक हवाई सीमाएं बंद रहेंगी।" उन्होंने कहा कि रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रात का कर्फ्यू लगाया गया है, अगली सूचना तक।
उन्होंने कहा कि सैनिक नेशनल काउंसिल फॉर द सेफगार्ड ऑफ द होमलैंड (सीएनएसपी) के लिए काम कर रहे हैं।
इस बीच, नीजर के राष्ट्रपति परिसर को फिलहाल सील कर दिया गया है।
देश के आंतरिक मंत्री हमादौ सौले को भी स्थानीय समयानुसार बुधवार सुबह राष्ट्रपति गार्ड द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें बज़ौम के साथ रखा गया है।
बाद में सैकड़ों प्रदर्शनकारी बज़ौम के समर्थन में नियामी में एकत्र हुए।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, जब प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन से लगभग 300 मीटर दूर थे, तो राष्ट्रपति गार्डों ने उनके आगे बढ़ने से रोकने के लिए फायरिंग की। प्रदर्शनकारियों की संख्या 400 के आसपास बताई गई है। कुछ के हाथ में बज़ौम की तस्वीरें और तख्तियां थीं जिन पर लिखा था: "गणतंत्र की संस्थाएं अस्थिर करने के लिए नहीं हैं।"
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सैनिकों की टीवी पर घोषणा के बाद, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने राष्ट्रपति बज़ौम की रिहाई का आह्वान किया।
उन्होंने न्यूज़ीलैंड में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि "यह स्पष्ट रूप से बलपूर्वक सत्ता पर कब्ज़ा करने और संविधान को बाधित करने का प्रयास है"।
इस स्थिति की व्यापक निंदा हुई है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपने प्रवक्ता द्वारा जारी एक छोटे से बयान में तख्तापलट के प्रयास की कड़ी निंदा की।
बयान के अनुसार, "महासचिव नीजर की स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। वह बलपूर्वक सत्ता पर कब्जा करने और देश में लोकतांत्रिक शासन, शांति और स्थिरता को कमजोर करने के किसी भी प्रयास की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।"
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने "इसमें शामिल सभी पक्षों से संयम बरतने और संवैधानिक व्यवस्था की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र नीजर की सरकार और लोगों के साथ खड़ा है।"
यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने "लोकतंत्र को अस्थिर करने और नीजर की स्थिरता को खतरे में डालने के किसी भी प्रयास" की निंदा की। उधर फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने कहा कि वह "स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं"।
व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि वे "नीजर की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के कामकाज को बाधित करने के किसी भी प्रयास की कड़ी निंदा करते हैं"।
नीजर के पड़ोसी देश माली और बुर्किना फासो दोनों ने पिछले कुछ वर्षों में बढ़ते जिहादी विद्रोहों के मद्देनजर सैन्य तख्तापलट देखा है, जिसने पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है।
बज़ौम को 2021 में चुना गया था और 1960 में फ्रांस से आजादी के बाद से नीजर में चार बार तख्तापलटहुए हैं।
--आईएएनएस
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