लंदन, 9 सितंबर (आईएएनएस)। ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां आये हैं। इस बीच ब्रिटेन सरकार ने पिछले पांच वर्षों से आतंकवाद के आरोप में भारत में कैद अपने नागरिक की रिहाई का मुद्दा नहीं उठाने का फैसला किया है।द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश सिख जगतार सिंह जोहल की रिहाई की मांग करने से इनकार की बात शुक्रवार को स्कॉटिश नेशनल पार्टी के सांसद मार्टिन डॉकर्टी-ह्यूजेस को भेजे गए एक पत्र सामने आई, जिसमें कहा गया था कि "कार्रवाई उनके सर्वोत्तम हित में नहीं होगी"।
एशियाई मामलों के मंत्री लॉर्ड अहमद द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है, "मिस्टर जोहल की रिहाई के आह्वान के संभावित लाभों और जोखिमों के साथ-साथ ऐसा करने की संभावित प्रभावशीलता पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, हम इस कार्रवाई पर विश्वास नहीं करते हैं। यह उनके सर्वोत्तम हित में होगा।"
लॉर्ड अहमद ने लिखा कि भारत में जोहल का मुकदमा चल रहा है। उसकी रिहाई की मांग भारतीय न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप माना जाएगा, जो ब्रिटेन की कांसुलर सहायता की पेशकश करने की क्षमता को खतरे में डाल सकता है।
यह प्रतिक्रिया तब आई जब 70 से अधिक सांसदों के एक समूह ने इस सप्ताह की शुरुआत में सुनक से मुलाकात कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जोहल की "तत्काल रिहाई" सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
डंबर्टन के जोहल अपनी शादी के लिए पंजाब में थे, जब उन्हें प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) द्वारा हत्याओं में उनकी कथित भूमिका के लिए 4 नवंबर 2017 को जालंधर से गिरफ्तार किया गया था।
उनके परिवार का दावा है कि 36 वर्षीय जोहल को कोरे स्वीकारोक्ति दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करने से पहले बिजली के झटके सहित यातना दी गई थी। इन आरोपों का भारतीय अधिकारियों ने खंडन किया है।
संयुक्त राष्ट्र के कार्य समूह ने मई 2022 में निष्कर्ष निकाला कि उन्हें मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया था और उनकी हिरासत से अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन हुआ है।
वह वर्तमान में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है और हत्या और हत्या की साजिश सहित 10 आरोपों में संभावित मौत की सजा का सामना कर रहा है।
--आईएएनएस
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