बीजिंग, 9 सितंबर (आईएएनएस)। हाल ही में भारत के चीन अनुसंधान प्रतिष्ठान की मानद डीन और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्वी एशियाई अध्ययन केंद्र की निदेशक अलका आचार्य ने सीएमजी संवाददाता से बातचीत की।जी20 शिखर सम्मेलन की चर्चा में उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्व अर्थव्यवस्था कठिन दौर से गुजर रही है। इसका कारण महामारी का दीर्घकालिक प्रभाव और यूक्रेन में चल रहा संकट दोनों हैं।
विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों को अधिक गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अधिक उल्लेखनीय मुद्दे ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा हैं। भारत को उम्मीद है कि जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में इन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा,
दक्षिण और उत्तर के बीच सहयोग मजबूत किया जाएगा और वैश्विक विकास को
बढ़ावा दिया जाएगा।
मेजबान देश के रूप में यह शिखर सम्मेलन भारत के लिए न केवल एक बड़ी चुनौती है, बल्कि अपनी छवि दिखाने का एक दुर्लभ अवसर भी है। भारत विभिन्न पक्षों के साथ ज्यादा आम सहमति बनाने और विभिन्न मुद्दों के समाधान को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेगा।
आधुनिकीकरण की चर्चा में आचार्य ने कहा कि चीनी शैली वाला आधुनिकीकरण चीन की राष्ट्रीय परिस्थितियों में निहित आधुनिकीकरण है। इसमें विशिष्ट चीनी विशेषताएं हैं। भारत का आधुनिकीकरण उसकी अपनी राष्ट्रीय परिस्थितियों, इतिहास और परंपराओं के अनुरूप भी है। हर देश के आधुनिकीकरण की राह अलग-अलग हैं और हम एक-दूसरे से सीख सकते हैं।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
--आईएएनएस