मेलबर्न, 19 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक व्यक्ति ने ऑस्ट्रेलिया में एक अस्पताल पर 643 मिलियन डॉलर (करीब 5,000 करोड़ रुपये) का मुकदमा किया। दावा किया गया है 2018 में अपनी पत्नी को सिजेरियन-सेक्शन के माध्यम से बच्चे को जन्म देते देखने से उसे मानसिक बीमारी हो गई। हालांकि, कोर्ट ने मुकदमे को खारिज कर दिया। ऑस्ट्रेलिया के 7न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, अनिल कोप्पुला ने कहा कि मेलबर्न में रॉयल महिला अस्पताल ने उन्हें बच्चे को पैदा होते देखने की अनुमति दी। ऑपरेशन देखने से उन्हें मानसिक बीमारी शुरू हो गई। बता दें कि व्यक्ति की पत्नी ने जनवरी 2018 में बच्चे को जन्म दिया था।
पत्नी द्वारा एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के कई वर्षों बाद, कोप्पुला ने पिछले साल अक्टूबर में विक्टोरिया के सुप्रीम कोर्ट में एक दावा दायर किया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि अस्पताल ने देखभाल के कर्तव्य का उल्लंघन किया है। इसलिए उन्हें नुकसान की भरपाई करना चाहिए।
कार्यवाही के दौरान खुद का प्रतिनिधित्व करते हुए, उन्होंने मनोवैज्ञानिक चोट के लिए 643 मिलियन डॉलर के नुकसान का दावा किया, और अदालत को बताया कि बीमारी के कारण उसकी शादी टूट गई।
सोमवार को दिए गए एक फैसले में न्यायमूर्ति जेम्स गॉर्टन ने दावे को खारिज कर दिया और इसे प्रक्रिया का दुरुपयोग करार दिया। फैसले में कहा गया कि कानून किसी व्यक्ति को गैर-आर्थिक नुकसान के लिए हर्जाना वसूलने की अनुमति नहीं देता है, जब तक कि उनकी चोट महत्वपूर्ण चोट न हो।
कोप्पुला की चिकित्सीय जांच करने वाले एक पैनल ने कहा कि दावे में कथित दावेदार को लगी चोट के परिणामस्वरूप मानसिक हानि की स्थिति सीमा स्तर को पूरा नहीं करती है।
रिपोर्ट के अनुसार, कोप्पुला निष्कर्षों से असहमत थे, लेकिन उन्होंने निर्णय की समीक्षा के लिए आवेदन नहीं किया।
रॉयल महिला अस्पताल ने स्वीकार किया कि उस पर कोप्पुला की देखभाल का कर्तव्य है, लेकिन उसने इसका उल्लंघन करने से इनकार किया है। हालांकि, अस्पताल ने दावे को खारिज करते हुए, कार्यवाही को खारिज करने के लिए आवेदन दायर किया था।
जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन के अनुसार सिजेरियन-सेक्शन (सी-सेक्शन) मां के पेट और गर्भाशय में चीरा लगाकर बच्चे की सर्जिकल डिलीवरी है। भ्रूण की असामान्य स्थिति या हृदय गति, प्रसव संबंधी समस्याएं, संक्रमण सर्जिकल प्रक्रिया करने के कई चिकित्सीय कारणों में से कुछ हैं।
--आईएएनएस
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