Nifty 50 के मूवमेंट्स का यदि अलग-अलग टाइम फ्रेम में एनालिसिस किया जाये, तो मुझे लगता है कि निफ्टी 50 अभी भी, कमजोर वैश्विक आर्थिक संकेतकों के कारण मंदी के दबाव में दिखता है, जिसके परिणामस्वरूप मंदी के संकेत बनते हैं; दोस्तों जैसा की आप जानते हैं की पिछले हफ्ते, जहाँ भारतीय शेयर बाज़ारों में लगातार गिरावट देखी जा रही थी वहीँ सप्ताह के दिन ट्रेडिंग सत्र के शुरुवात एक अच्छी बढ़त देखी गयी, जब निफ़्टी 50 इंडेक्स ने 8,178 का निचला स्तर चुने के बाद एक हाई बनाया 8,883 का। परन्तु क्लोजिंग होने तक यह बढ़त सिर्फ 482 अंको की ही रह गयी, यानि निफ़्टी बंद हुआ 8,745 . तो वहीं दूसरी और ध्यान देने वाली बात ये है की निफ़्टी 50 फ्यूचर्स क्लोज हुए 8,381 पर यानि निफ़्टी फ्यूचर्स में बढ़त सिर्फ 175 अंकों की रह गयी । यदि यहाँ ध्यान दें तो आप पाएंगे की निफ़्टी फ्यूचर्स निफ़्टी इंडेक्स से 364 अंक नीचे क्लोज हुए हैं , जो कि एक बहुत ही चिंता जनक बात है। वहीं ध्यान देने वाली बात ये है कि क्या शुरकरवार को ओपनिंग से जो निफ़्टी में एक तेज बाउंसिंग मूव देखा गया क्या वो एक शोर-कवरिंग रैली थी जो यूरोप के शेयर बाज़ारों के खुलने पर वहां हुई प्रॉफिट बुकिंग के साथ निफ़्टी 50 और बैंक निफ़्टी को नीच धकेल गयी।
वहीँ जब हमारे भारतीय शेयर बाजार बंद हो गए थे शुक्रवार को तो अमेरिकी शेयर बाज़ारों में काफी भारी गिरावट देखने को मिली, शुक्रवार को अमेरिका का डोव जोंस इंडेक्स 913 अंको के गिरावट के साथ बंद हुआ, यानि 4.55 % की गिरावट, तो वहीं S&P 500 इंडेक्स फ्यूचर्स 5 % नीचे बंद हुए हैं। यानी कुल मिला कर देखें अभी भी ग्लोबल इक्विटी बाज़ारो मैं बिआरिश प्रेशर काफी अधिक है। जिसके चलते S&P 500 फ्यूचर्स ने अपने 15 महीनो की सपोर्टिंग लाइन पर तो क्लोज किया है, परन्तु इससे ग्लोबल इक्विटी मार्केट्स में अनिश्चितता का स्तर इतना अधिक बाद गया है कि आने वाले हफ्ते के पहले ट्रेडिंग स्तर में S&P 500 फ्यूचर्स की शरुवात एक गैप-डाउन के साथ हुई तो ग्लोबल इक्विटी मार्केट्स में यह गिरावट कहीं और अधिक तेज हो सकती है। वहीँ निफ़्टी 50 भी 23 मार्च को एक गैप-डाउन के साथ शुरुवात होती हुई देखी जा सकती है।
दूसरी तरफ, सेबी द्वारा भारतीय शेयर बाज़ारों में शार्ट सेल्लिंग को रोकने के लिए कुछ नियमों में बदलाव भी किये जा सकते हैं जिसके चलते हो सकता है कि फिर से एक शार्ट-कवरिंग रैली निफ़्टी 50 और बैंक निफ़्टी में देखने को मिल सकती है फिर एक बार, परन्तु अंतराष्टीय कमजोरी के चलते हर रैली पर प्रॉफिट बुकिंग भी संभव है, जिसके कारणवश निफ़्टी और बैंक निफ़्टी में भारी उतार-चढ़ाव भी हो सकता है 23 मार्च से शुरू होने वाले हफ्ते में। तो आने वाले हफ्ते में निफ़्टी और बैंक निफ़्टी को कहाँ-कहाँ सपोर्ट और रेजिस्टेंस मिल सकती हैं, जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
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अस्वीकरण
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