iGrain India - कोयम्बटूर । तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (टीएनएयू) ने कहा है कि मौजूदा फसल की कटाई-तैयारी के समय यानी जनवरी-फरवरी 2024 के दौरान 'सन्नाम' किस्म की लालमिर्च का भाव बढ़कर 200-210 रुपए प्रति किलो के आसपास पहुंच जाएगा जो पिछले सीजन की सामान अवधि में प्रचलित भाव 175-180 रुपए प्रति किलो से ऊंचा है।
इसे देखते हुए विश्वविद्यालय ने तमिलनाडु के किसानों को सन्नाम प्रजाति की लालमिर्च की खेती अधिक से अधिक क्षेत्रफल में करने का सुझाव दिया है।
लेकिन साथ ही साथ विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि उत्तर-पूर्वी मानसून की स्थिति तथा अन्य उत्पादक राज्यों से आवक के आधार पर सन्नाम लालमिर्च की किटमों में कुछ परिवर्तन भी हो सकता है।
विश्वविद्यालय के मूल्य अनुमान समूह ने तमिलनाडु के तिरुनेलवेली रेग्युलेटेड मार्केट में सन्नाम किस्म की लालमिर्च के मूल्य के पिछले 15 वर्षों के आंकड़ों का गहन-अध्ययन- विश्लेषण करने के बाद उपरोक्त भाव का अनुमान लगाया है।
उल्लेखनीय है कि लालमिर्च भारत में अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं सर्वाधिक क्षेत्रफल में उपजाई जाने वाली मसाला फसल है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के प्रथम अग्रिम अनुमान के अनुसार 2022-23 के सीजन में राष्ट्रीय स्तर पर लालमिर्च का कुल बिजाई क्षेत्र 8.52 लाख हेक्टेयर रहा जबकि इसका उत्पादन 19.58 लाख टन होने की संभावना है।
लालमिर्च के प्रमुख उत्पादक राज्यों आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु एवं गुजरात शामिल है। देश में करीब 93 प्रतिशत लालमिर्च का उत्पादन इन प्रांतों में होता है जबकि शेष उत्पादन अन्य राज्यों में होता है।
तमिलनाडु के प्रमुख उत्पादक जिलों में अक्टूबर से लालमिर्च की बिजाई आरंभ होती है। वहां एकल फसल के रूप में इसकी खेती की जाती है इसलिए व्यापारी एवं मसाला निर्माता पुरे वर्ष की अपनी मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए कटाई-तैयारी के सीजन में एक साथ इसकी भारी खरीद करके बड़ा स्टॉक बनाने का प्रयास करते हैं।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2022-23 सीजन के दौरान तमिलनाडु में 49 हजार हेक्टेयर में लालमिर्च की खेती हुई और करीब 22 हजार टन का उत्पादन हुआ। मुंडू सन्नाम तमिलनाडु में उत्पादित होने वाली लालमिर्च की दो सर्वाधिक लोकप्रिय किस्में हैं।