iGrain India - नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र सहित अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों में गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है और दीपावली पर्व के बीतने के बाद अब त्यौहारी सीजन भी अंतिम चरण में पहुंच गया है।
आमतौर पर ऐसी हालत में चीनी का बाजार कुछ नरम पड़ना चाहिए था लेकिन इसके फिलहाल कोई ठोस संकेत नहीं मिल रहे हैं। चीनी का खुदरा भाव 45-46 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है।
केन्द्र सरकार ने 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के लिए गन्ना का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 10 रुपए बढ़ाकर 315 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जिससे चीनी के लागत खर्च में कुछ बढ़ोत्तरी हो जाएगी।
कृषि मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर गन्ना की पैदावार में जबरदस्त गिरावट आने का अनुमान लगाया है जिससे चीनी के उत्पादन में गिरावट आएगी। महाराष्ट्र और कर्नाटक में इसका उत्पादन काफी घटने की आशंका है।
महाराष्ट्र में उत्पादन 2022-23 सीजन के 105 लाख टन से घटकर 2023-24 के सीजन में 87 लाख टन के आसपास सिमट जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। कर्नाटक में भी चीनी का उत्पादन बेहद कमजोर होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
लेकिन उत्तर प्रदेश में उत्पादन की स्थिति बेहतर रहने की उम्मीद है क्योंकि एक तो वहां गन्ना के बिजाई क्षेत्र में भारी बढ़ोत्तरी हुई और दूसरे, अन्य प्रांतों की तुलना में वहां मौसम कुछ कम प्रतिकूल रहा।
मोटे अनुमान के अनुसार उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन पिछले सीजन के 105 लाख टन से सुधरकर चालू सीजन में 108 लाख टन पर पहुंच सकता है।
ध्यान देने की बात है कि 2022-23 सीजन के दौरान उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र- दोनों राज्यों में चीनी का उत्पादन लगभग बराबर हुआ था। उत्तर प्रदेश में नई चीनी की आवक होने लगी है। सरकार भी चीनी का भाव घटाने का प्रयास कर रही है।