iGrain India - नई दिल्ली । खरीफ सीजन में उत्पादन क्षेत्र घटने के बाद अब रबी सीजन में भी दलहन फसलों की बिजाई गत वर्ष से पिछड़ रही है। हालांकि मसूर एवं मटर का क्षेत्रफल पिछले साल से आगे चल रहा है लेकिन चना के रकबे में भारी गिरावट देखी जा रही है। इसके अलावा रबी कालीन मूंग एवं उड़द सहित अन्य दलहनों का बिजाई क्षेत्र भी पीछे चल रहा है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चालू रबी सीजन में 24 नवम्बर 2023 तक पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले राष्ट्रीय स्तर पर चना का उत्पादन क्षेत्र 75.07 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 66.19 लाख हेक्टेयर, मूंग का बिजाई क्षेत्र 46 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 30 हजार हेक्टेयर,
उड़द का क्षेत्रफल 2.46 लाख हेक्टेयर से घटकर 1.96 लाख हेक्टेयर तथा अन्य दलहनों का रकबा 2.07 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1.78 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। कुछ महत्वूर्ण उत्पादक राज्यों में मौसम अनुकूल नहीं होने तथा मिटटी में नमी का अभाव रहने से चना की बिजाई में बाधा पड़ रही है।
दूसरी ओर मसूर एवं मटर का रकबा गत वर्ष से आगे चल रहा है। आलोच्य अवधि के दौरान मसूर का उत्पादन क्षेत्र 12.03 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 12.74 लाख हेक्टेयर तथा मटर का बिजाई क्षेत्र 6.62 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 7.17 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के सीमावर्ती से बढ़कर बुंदेलखंड संभाग में इन दोनों फसलों की खेती बड़े पैमाने पर होती है जबकि मसूर के अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों में बिहार तथा पश्चिम बंगाल शामिल है।
सरकार ने मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य काफी बढ़ा दिया है जिससे किसान उत्साहित हैं। इसी तरह मटर का बाजार भाव उछलकर काफी ऊंचे स्तर पर है इसलिए आगे इसके क्षेत्रफल में सुधार आने की संभावना बनी हुई है।