iGrain India - कुचिंग । मलेशिया के उप प्रधानमंत्री एवं प्लांटेशन तथा कॉमोडिटीज मंत्री का कहना है कि भारत को क्रूड पाम तेल (सीपीओ) के निर्यात में लगातार सकारात्मक बढ़ोत्तरी हो रही है और वहां इसकी वार्षिक मांग बढ़कर 60 लाख टन पर पहुंचने की उम्मीद है।
भारत की इस विशाल मांग को पूरा करने के लिए सभी आवश्यक प्रयासों पर विचार किया जा रहा है। बागान मंत्री के अनुसार वर्तमान समय में मलेशिया भारत को केवल लगभग 40 लाख टन पाम तेल का निर्यात करने में सक्षम हो रहा है। इसके बावजूद मलेशिया से पाम तेल का सर्वाधिक निर्यात भारत को ही किया जाता है।
बागान मंत्री के मुताबिक मलेशिया केवल एक देश तक अपने पाम तेल का निर्यात सीमित नहीं रख सकता है। भारत ने उसे इसका वार्षिक शिपमेंट बढ़ाकर 60 लाख टन तक पहुंचाने के लिए कहा है जो मौजूदा स्तर से 50 प्रतिशत ज्यादा है।
भारत के प्रस्ताव का मूल्यांकर करना आवश्यक है। भारत की 60 लाख टन की मांग को पूरा करना तत्काल आसान नहीं होगा। भारत में पाम तेल का सर्वाधिक आयात इंडोनेशिया से होता है।
मलेशिया में पाम तेल उद्योग के प्रति चीन के संकलन पर टिप्पणी करते हुए बागान मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच सम्बन्ध काफी गहरा है। मलेशिया में पाम उत्पादों का उत्पादन जितना बढ़ेगा उतना ही इसके निर्यात में इजाफा भी होगा और चीन इसकी खरीद के लिए तैयार रहेगा।
चीन में सीपीओ का निर्यात भी बढ़ रहा है। मलेशिया और चीन के बीच सहयोग समर्थन के नए क्षेत्रों का विकास हो रहा है जिसमें विटामिन ए कैप्सुल तथा पौध आधारित अन्य उत्पाद भी शामिल है।
सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि सैद्धांतिक रूप से चीन मलेशियन सस्टेनेबल पाम ऑयल सर्टिफिकेशन (एमएसपीओ) के साथ सहमत हो गया है जो मलेशिया के लिए काफी फायदेमंद है।