iGrain India - लुधियाना । केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्य-पंजाब के लुधियाना जिले में गेहूं का उत्पादन क्षेत्र चालू रबी सीजन में सुधरकर 2.45 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जो 2022-23 में 2.43 लाख हेक्टेयर एवं 2021-22 के रबी सीजन में 2.44 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था। लुधियाना के पंजाब में गेहूं का अग्रणी उत्पादक जिला माना जाता है।
यहां खन्ना मंडी में गेहूं का होता है। हालांकि पंजाब सरकार फसल विविधिकरण पर भारी जोर दे रही है लेकिन गेहूं का बिजाई क्षेत्र वहां जिस रफ्तार से बढ़ रहा है उससे विविधिकरण योजना की सफलता पर संदेह होने लगा है।
वर्ष 2022-23 के सीजन में लुधियाना जिले में गेहूं का रकबा घटकर 2015-16 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया था और अब भी उसके आसपास ही घूम रहा है। 2018 के बाद पहली बार वहां गेहूं के क्षेत्रफल में कुछ सुधार आशा है।
कृषि विभाग के अनुसार खरीफ कालीन धान की कटाई-तैयारी समाप्त होने के बाद रबी फसलों और खासकर गेहूं की बिजाई की रफ्तार बढ़ी है। लुधियाना जिले में इसकी बिजाई लगभग पूरी हो चुकी है।
मुख्य कृषि अधिकारी के अनुसार लुधियाना जिले के 11 प्रखंडों में गेहूं की खेती के प्रति किसानों में अच्छी दिलचस्पी देखी जा रही है।
पिछले आठ साल से वहां इसके क्षेत्रफल में कमी आ रही थी मगर इस बार वृद्धि देखी जा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23 सीजन में 2125 रुपए प्रति क्विंटल से 150 रुपए बढ़ाकर 2023-24 के सीजन हेतु 2275 रुपए प्रति क्विंटल नियत किए जाने से किसानों का उत्साह बढ़ा है जबकि पंजाब के अधिकांश भाग में गेहूं की खेती के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई है।
पंजाब के किसान गेहूं-धान की परम्परागत कृषि प्रद्धति से चिपके हुए हैं और अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती के प्रति उसका ज्यादा आकर्षण नहीं है। कुल क्षेत्रों में सरसों की बिजाई हुई है।