iGrain India - नई दिल्ली । महाराष्ट्र एवं कर्नाटक जैसे अग्रणी उत्पादक राज्यों में प्रतिकूल मौसम के कारण गन्ना की फसल को भारी नुकसान होने से 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान चीनी का घरेलू उत्पादन घटकर 300 लाख टन से आने की संभावना है।
इससे चीनी की मांग एवं आपूर्ति के बीच जटिलता बनी रह सकती है जिससे कीमत भी मजबूत रहेगी। उद्योग संगठनों के मुताबिक 2022-23 सीजन के दौरान देश में करीब 331 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था जो 2021-22 सीजन के उत्पादन 358 लाख टन से 27 लाख टन कम था।
2023-24 के वर्तमान सीजन में उत्पादन और भी 41 लाख टन घटकर 290 लाख टन पर सिमट जाने का अनुमान है। इस सप्ताह महज दो वर्षों के अंदर चीनी के उत्पादन में 68 लाख टन की जोरदार गिरावट आ सकती है।
उद्योग संगठन के अनुसार चालू सीजन के दौरान उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 104.80 लाख टन से बढ़कर 110 लाख टन पर पहुंचने के आसार हैं लेकिन महाराष्ट्र में उत्पादन 105.30 लाख टन से घटकर 85 लाख टन तथा कर्नाटक में 59.80 लाख टन से लुढ़ककर 38 लाख टन रह जाने की संभावना है।
महाराष्ट्र देश में चीनी का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है जबकि उत्तर प्रदेश दूसरे एवं कर्नाटक तीसरे नम्बर पर है। यदि ताजा अनुमान सही साबित होता है तो महाराष्ट्र को पीछे छोड़कर उत्तर प्रदेश इस बार देश का सबसे प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य बन सकता है।
2022-23 के मुकाबले 2023-24 सीजन के दौरान चीनी का उत्पादन महाराष्ट्र में 20 लाख टन तथा कर्नाटक में 22 लाख टन (36 प्रतिशत) घटने की संभावना है।
तमिलनाडु में भी उत्पादन में कुछ गिरावट आने की आशंका है मगर गुजरात में उत्पादन कुछ सुधरने की उम्मीद है। अन्य राज्यों में सामान्य उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है।
चीनी की घरेलू मांग एवं आपूर्ति के बीच जटिलता तथा अगले वर्ष आम चुनाव को देखते हुए इसके निर्यात की अनुमति दिए जाने की संभावना लगभग समाप्त हो गई है जबकि चीनी का वैश्विक बाजार भाव अभी काफी ऊंचा एवं तेज चल रहा है।