iGrain India - नई दिल्ली । रबी सीजन की सबसे प्रमुख तिलहन फसल- सरसों का बिजाई क्षेत्र पिछले साल की तुलना में इस वर्ष राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, आसाम एवं छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में घट गया है जबकि उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा में इसके क्षेत्रफल में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है।
इसके फलस्वरूप राष्ट्रीय स्तर पर इसका कुल उत्पादन क्षेत्र वर्ष 2022-23 के 77.93 लाख हेक्टेयर से 5 हजार हेक्टेयर सुधरकर इस बार 77.78 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। यह 24 नवम्बर तक का आंकड़ा है। कई क्षेत्रों में सरसों की बिजाई की प्रक्रिया अभी जारी है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में चालू रबी सीजन के दौरान सरसों का उत्पादन क्षेत्र सबसे प्रमुख उत्पादन प्रान्त- राजस्थान में 36.50 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 34.52 लाख हेक्टेयर,
मध्य प्रदेश में 12.53 लाख हेक्टेयर से घटकर 11.84 लाख हेक्टेयर, आसाम में 1.62 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 1.55 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 2.47 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1.66 लाख हेक्टेयर, पश्चिम बंगाल में 3.81 लाख हेक्टेयर से घटकर 3.56 लाख हेक्टेयर तथा छत्तीसगढ़ में 51 हजार हेक्टेयर से गिरकर 45 हजार हेक्टेयर रह गया।
दूसरी ओर इस महत्वपूर्ण तिलहन फसल का बिजाई क्षेत्र उत्तर प्रदेश में 11.79 लाख हेक्टेयर से उछलकर 16.40 लाख हेक्टेयर तथा हरियाणा में 6.27 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 6.61 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
हालांकि सरसों का थोक मंडी भाव प्रमुख उत्पादक राज्यों में घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आ गया है और 2022-23 सीजन के दौरान शानदार उत्पादन होने से किसानों के पास अभी इसका अच्छा-खासा अधिशेष स्टॉक भी मौजूद है लेकिन फिर भी किसान इसकी खेती में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
उन्हें आगामी समय में सरसों का भाव ऊंचा एवं मजबूत रहने की उम्मीद है। सरकारी समर्थन मूल्य में भी इजाफा हुआ है जो किसानों के लिए एक अलग आकर्षण है। मौसम की हालत अनुकूल बनी हुई है और तापमान में गिरावट आ गई है। आगे का मौसम फसल की दशा और दिशा नियत करेगा।