iGrain India - नई दिल्ली । खरीफ कालीन नई फसल की खरीद प्रक्रिया जारी रहने से धान का सरकारी स्टॉक 15 नवम्बर 2023 को बढ़कर 340.86 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो 1 नवम्बर 2023 को उपलब्ध स्टॉक 262.61 लाख टन एवं 1 नवम्बर 2022 को मौजूदा स्टॉक 118.25 लाख टन से क्रमश 78.25 लाख टन और 222.61 लाख टन ज्यादा था।
इससे पूर्व 1 नवम्बर 2021 को केन्द्रीय पूल में 140.67 लाख टन धान का स्टॉक उपलब्ध था। मालूम हो कि सरकारी एजेंसियों द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद के बाद कस्टम मिलिंग के लिए उसे चावल मिलों को आवंटित किया जाता है और राइस मिलर्स उसके एवज में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को चावल की आपूर्ति करते हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 15 नवम्बर 2023 को केन्द्रीय पूल में 193.12 लाख टन चावल एवं 208.95 लाख टन गेहूं के साथ कुल 401.97 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद था।
इसके मुकाबले 1 नवम्बर 2023 को 200.38 लाख टन चावल तथा 218.76 लाख टन गेहूं सहित खाद्यान्न की कुल मात्रा 419.14 लाख टन दर्ज की गई थी जबकि पिछले साल नवम्बर के आरंभ में महज 370.64 लाख टन खाद्यान्न के कुल उपलब्ध स्टॉक में 204.67 लाख टन चावल तथा 165.97 लाख टन गेहूं का स्टॉक शामिल था।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत खाद्यान्न की तेजी से निकासी हो रही है। धान की सरकारी खरीद की रफ्तार कुछ धीमी देखी जा रही है जबकि गेहूं की बिजाई अभी जारी है। इसका नया माल अगले वर्ष मार्च से आने लगेगा जबकि औपचारिक रूप से सरकारी खरीद 1 अप्रैल से आरंभ होगी।
पंजाब-हरियाणा में धान की खरीद प्रक्रिया लगभग समाप्त हो चुकी है अगर अन्य प्रांतों छत्तीसगढ़, तेलंगाना, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश सहित अन्य महत्वपूर्ण उत्पाद राज्यों में जारी है। इससे धान का स्टॉक बढ़ता रहेगा।